हाईटेक होगी चुनावी निगरानी, सी-विजिल एप से गड़बड़ियों पर रहेगी पैनी नजर

Election commission launched an app for surveillance of election
हाईटेक होगी चुनावी निगरानी, सी-विजिल एप से गड़बड़ियों पर रहेगी पैनी नजर
हाईटेक होगी चुनावी निगरानी, सी-विजिल एप से गड़बड़ियों पर रहेगी पैनी नजर

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। जनता का वोट पाने के लिए नेता हर हथकण्डे अपनाते हैं। फिर चुनाव चाहे नगर पालिका का हो या फिर विधान सभा या लोक सभा का। ऐसे में कई बार चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी अपने वोटरों को रिझाने के लिए गलत या नियम विरुद्ध तरीकों का भी इस्तमाल करते हैं। इसनें नोट से लेकर तमाम ऐसे प्रयोजनों का उपयोग किया जाता है, जो निर्वाचन आयोग की गाईडलाईन में फिट नहीं बैठते या फिर सीधे-सीधे उल्लंघन करते हैं। निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने के लिए आयोग इन हथकण्डों को रोकने व निगरानी रखने कई तरह के जतन करते हैं। बावजूद इसके अक्सर यह देखने में आया है कि वोटरों को लालच या उपकृत करने की कोशिशें कई नेता करते रहे हैं। आज जब पूरे देश में डिजिटलाईजेशन की धूम है और लगभग हर सेवा के लिए मोबाईल एप उपलब्ध है। तो, ऐसे में चुनाव आयोग ने भी गड़बड़ियों को रोकने डिजिटल रास्ता अपनाया है।

पता चला है कि भारतीय निर्वाचन आयोग ने एक ऐसा एप तैयार करवा रहा है, जिससे कोई भी नागिरक चुनाव संबंधी दिक्कतें या उनके क्षेत्र में होने वाली संदिग्ध गतिविधियों के बारे में सीधे आयोग को शिकायत कर सकेगा। फिलहाल इस एप को सुदृढ़ बनाने और इसकी कार्यप्रणाली को बारीकी से जांचने आयोग द्वारा एक महीने के लिए ट्रायल चलाया जा रहा है। अगस्त के पूरे माह चलने वाले ट्रायल में कोई भी नागरिक अपने मोबाईल में एप स्टोर या प्ले स्टोर पर जाकर इस एप को डाउनलोड कर सकेगा। आयोग ने इस एप को नाम दिया है सी-विजिल।

जानकारों की माने तो सी-विजिल का तात्पर्य सिविल विजिलेंस यानि जनता द्वारा निगरानी रखने से भी है। हाल में इस एप का बीटा वर्जन लांच किया गया है और महीने भर का ट्रायल पूरा होने के बाद फाईनल वर्जन लांच कर दिया जाएगा।

मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट की होगी निगरानी
जानकारों का कहना है कि इस एप के माध्यम से कोई भी नागरिक मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट (आचार संहिता) लागू होते ही इसका उपायोग कर सकेगा। एप में कई प्रकार के फीचर्स दिए गए हैं। इसके तहत कोई भी नागरिक कहीं भी आचार संहिता का उल्लंघन होता देखता है या संदेह होता है तो तुरंत मोबाईल से फोटो खींचकर सी-विजिल एप के जरिए आयोग को इसकी शिकायत की जा सकेगी।

बताया जा रहा है कि आयोग ने एप की फंक्शनिंग पर भी विशेष ध्यान दिया है। जिसके चलते शिकायत दर्ज होते ही संबंधित अधिकारी को मामले से अवगत कराया जाएगा, ताकि तत्काल जांच-पड़ताल कर कार्रवाई की जा सके।

जिला प्रशासन करवा रहा ट्रायल
एप के संबंध में कलेक्टर छवि भारद्वाज ने निर्देश जारी कर सभी रिटर्निंग ऑफिसर्स, चुनावी कमान संभालने वाले अधिकारी-कर्मचारियों सहित प्रशासन के पूरे अमले को अपने-अपने मोबाईल फोन में सी-विजिल डाउनलोड करने को कहा है। अधिकारी-कर्मचारियों से कहा गया है कि वे एप के जरिए ट्रायल में हिस्सा लें और डमी या मॉक शिकायतें करें। इससे आयोग को यह समझने में आसानी होगी कि किसी भी शिकायत पर क्या और कैसे एक्शन लेना है। इसके साथ ही शिकायत पर होने के बाद कार्रवाई प्रक्रिया चलने में लगने वाले औसत समय का भी अंदाजा लगाया जा सकेगा। यही नहीं अफसर और कर्मचारी एप के उपयोग सीख सकेंगे, जिससे चुनाव के दौरान उन्हें शिकायतों का निराकरण करने में आसानी होगी।

 

Created On :   11 Aug 2018 8:10 AM GMT

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