AAP को बड़ा झटका, चुनाव आयोग ने 20 विधायक अयोग्य करार दिए

Election commission recommends to disqualify 20 AAP MLAs
AAP को बड़ा झटका, चुनाव आयोग ने 20 विधायक अयोग्य करार दिए
AAP को बड़ा झटका, चुनाव आयोग ने 20 विधायक अयोग्य करार दिए

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी को चुनाव आयोग की तरफ से बड़ा झटका मिला है। आयोग ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए आप के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है। आयोग ने विधायकों की सदस्यता खत्म करने की सिफारिश राष्ट्रपति को भेजी दी है। अब इन 20 सीटों पर उपचुनाव की नौबत आ गई है। आम आदमी पार्टी अब इस फैसले को चुनौती देने की तैयारी में है। गौरतलब है कि मार्च 2015 में राष्ट्रपति के यहां पिटीशन दाखिल कर बताया गया था कि केजरीवाल की पार्टी के 21 विधायक संसदीय सचिव बनाए गए हैं। ये सभी लाभ के पद पर हैं, इसलिए इनकी सदस्यता रद्द की जाए।

 

इन विधायकों पर गिरेगी गाज

1. आदर्श शास्त्री, द्वारका

 2. जरनैल सिंह, तिलक नगर

 3. नरेश यादव, मेहरौली

 4. अल्का लांबा, चांदनी चौक

 5. प्रवीण कुमार, जंगपुरा

 6. राजेश ऋषि, जनकपुरी

 7. राजेश गुप्ता, वज़ीरपुर

 8. मदन लाल, कस्तूरबा नगर

 9. विजेंद्र गर्ग, राजिंदर नगर

 10. अवतार सिंह, कालकाजी

 11. शरद चौहान, नरेला

 12. सरिता सिंह, रोहताश नगर

 13. संजीव झा, बुराड़ी

 14. सोम दत्त, सदर बाज़ार

 15. शिव चरण गोयल, मोती नगर

 16. अनिल कुमार बाजपई, गांधी नगर

 17. मनोज कुमार, कोंडली

18. नितिन त्यागी, लक्ष्मी नगर

 19. सुखबीर दलाल, मुंडका

 20. कैलाश गहलोत, नजफ़गढ़

 

राष्ट्रपति को भेजी रिपोर्ट

आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को लाभ का पद देने का आरोप अरविंद केजरीवाल सरकार पर लगा है। चुनाव आयोग ने आज इसे लेकर बैठक की। इसके बाद फैसला लेते हुए लाभ के पद के मामले में 20 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया। विधायकों की सदस्यता को खत्म करने की चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेज दी। इसमे विधायकों की सदस्यता खत्म करने की सिफारिश की गई है। इस फैसले के बाद आप के पूर्व विधायक कपिल मिश्रा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल पैसों के लालच में अंधे हो चुके है। वहीं इस मामले पर बीजेपी ने कहा है कि केजरीवाल सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए। बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल से भी तत्काल इस्तीफा मांगा है। कांग्रेस के अजय माकन ने भी केजरीवाल से इस्तीफ़ा माँगा है. 

 

आप ने उठाए चुनाव आयोग पर सवाल

आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा, ""23 जनवरी को मुख्य चुनाव आयुक्त एके ज्योति जी 65 साल के हो जाएंगे। वो सोमवार को रिटायर होने वाले हैं। तीन लोगों ने सुनवाई की थी। सिर्फ इसमें ज्योति जी फैसला देना चाह रहे हैं, जबरदस्ती थोपना चाह रहे हैं। वो मोदी जी को अपना कर्ज चुकाना चाहते हैं।"" वहीं उन्होंने कहा कि किसी भी संसदीय सचिव को न बंगला दिया गया है, ना ही गाड़ी। क्या किसी ने देखा है कि इन विधायकों के पास सरकारी गाड़ी हो या अकाउंट हो, जिससे ये जानकारी हो कि इन्हें तन्ख्वाह मिली है।

 

ये कहा था केजरीवाल ने

विधायकों को लाभ पहुंचाने का मामला सामने आने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि विधायकों को संसदीय सचिव बनकर कोई ‘आर्थिक लाभ’ नहीं मिल रहा है। इस मामले को रद्द करने के लिए आप विधायकों ने चुनाव आयोग में याचिका दायर की थी। आम आदमी पार्टी का कहना था कि देश के कई राज्यों में संसदीय सचिव के पदों पर मुख्यमंत्री विधायकों की नियुक्ति करते हैं फिर उन्हें क्यों रोका जा रहा है? दरअसल केजरीवाल जिन राज्यों की बात कर रहे थे, वहां की सरकारों ने पहले कानून बनाया, उसके बाद वहां संसदीय सचिवों की नियुक्ति की गई। जबकि दिल्ली में ऐसा नहीं हुआ।

 

कानून बनाने की कोशिश

केजरीवाल सरकार ने अपने विधायकों को बचाने के लिए इन पदों को लाभ के पद से बाहर रखने के लिए कानून भी बनाने की कोशिश की थी। लेकिन राष्ट्रपति ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार के संसदीय सचिव विधेयक को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था। इस विधेयक में संसदीय सचिव के पद को लाभ के पद के दायरे से बाहर रखने का प्रावधान था।


ये है मामला

आम आदमी पार्टी ने 13 मार्च 2015 को अपने 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया था। इसके बाद 19 जून को प्रशांत पटेल ने राष्ट्रपति के पास इन सचिवों की सदस्यता रद्द करने के लिए आवेदन किया। कानून के मुताबिक, दिल्ली में कोई भी विधायक रहते हुए लाभ का पद नहीं ले सकता है। इसके बाद जरनैल सिंह के पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए राजौरी गार्डन के विधायक के रूप में इस्तीफा देने के साथ उनके खिलाफ कार्यवाही बंद कर दी गई थी। इस्तीफे के बाद इन विधायकों की संख्या 20 रह गई।


नियम विरुद्ध नियुक्ति

गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ देल्ही एक्ट, 1991 के तहत दिल्ली में सिर्फ एक संसदीय सचिव का पद हो सकता है। यह संसदीय सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़ा होगा, लेकिन केजरीवाल ने सीधे 21 विधायकों को ये पद दे दिया। 

 

ये है ऑफिस ऑफ प्रॉफिट 

- आर्टिकल 102 (1) (A) में ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का जिक्र किया गया है

- सांसद या विधायक 2 अलग-अलग लाभ के पद पर नहीं हो सकता

- अलग से सैलरी और अलाउंस मिलने वाले पद पर नहीं रह सकता

- आर्टिकल 191(1)(A) के तहत सांसद-विधायक दूसरा पद नहीं ले सकते

- पब्लिक रिप्रेजेंटेटिव एक्ट के सेक्शन 9 (ए) के तहत लाभ का पद नहीं ले सकते

- लाभ के पद पर बैठा शख्स उसी वक्त विधायिका का हिस्सा नहीं हो सकता

Created On :   19 Jan 2018 9:38 AM GMT

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