इन गर्मियों में नहीं होगी बिजली कटौती, जलस्तर गिरने से नहीं चल रहे कृषि पंप

Electricity cuts will not happen this summer, falling water level
इन गर्मियों में नहीं होगी बिजली कटौती, जलस्तर गिरने से नहीं चल रहे कृषि पंप
इन गर्मियों में नहीं होगी बिजली कटौती, जलस्तर गिरने से नहीं चल रहे कृषि पंप

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य में बढ़ती गर्मी के बीच ऊर्जा विभाग ने राहत भरी खबर दी है। मांग से ज्यादा बिजली उपलब्ध होने के चलते इस बार गर्मी में राज्य में बिजली कटौती (लोडशेडिंग) नहीं होगी। कोयना बांध में 23 टीएमसी पानी की उपलब्धता, कुओं में पानी न होने के चलते हुए बिजली की बचत और खोराडी, खापरखेडा के अलावा सभी बिजली निर्मिती केंद्रों पर कोयले की पर्याप्त उपलब्धता के चलते फिलहाल राज्य में पर्याप्त बिजली उपलब्ध है। राज्य में रोजाना करीब 19 हजार मेगावाट बिजली की जरूरत होती है। मंगलवार को राज्य में 22 हजार 305 मेगावाट बिजली की आपूर्ति हुई। इसमें मुंबई में टाटा, रिलायंस व अन्य निजी बिजली कंपनियों द्वारा वितरित की गई 3 हजार 436 मेगावाट बिजली शामिल है। महानिर्मिती ने 7 हजार 526 करोड़, निजी कंपनियों ने 6 हजार 118 मेगावाट, एनटीपीसी ने 6 हजार 997 मेगावाट और टाटा ने 1 हजार 663 मेगावाट बिजली दी। फिलहाल राज्य में सूखे के हालात हैं इसके चलते कुओं और बांधों में पानी निचले स्तर पर है। कई कुए सूख चुके हैं इसलिए उनमें लगे पंप भी बंद हैं। इसके चलते बिजली की खपत काफी कम हो रही है। गत वर्ष 30 अप्रैल को महावितरण ने 19543 मेगावाट बिजली सप्लाई की थी जबकि इस साल 18869 मेगावाट बिजली की खपत हुई। यानी पिछले वर्ष की तुलना में बिजली की मांग में 674 मेगावाट की कमी आई है। 

पर्याप्त है कोयला-पानी 

फिलहाल विभिन्न बिजली केंद्रों के पास 15 लाख 93 हजार 68 मीट्रिक टन कोयला रखा हुआ है। चीनी कारखानों के बिजली परियोजनाओं से 323 मेगावाट, पवन ऊर्जा से 617 मेगावाट और सौर ऊर्जा से 466 मेगावाट बिजली उपलब्ध हो रही है। ऊर्जा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फिलहाल पर्याप्त मात्रा में बिजली उपलब्ध हो रही है इसलिए राज्य में गर्मी बढ़ने पर भी बिजली की कमी नहीं होगी। पिछले साल भी भीषण गर्मी थी इस दौरान महावितरण ने करीब 25 हजार मेगावाट बिजली उपलब्ध कराई थी। कोयना बांध में पानी और कोयले की उपलब्धता के चलते अधिकारी ने उम्मीद जताई कि बिजली की बढ़ी हुई मांग आसानी से पूरी की जा सकती है। 

 

Created On :   30 April 2019 3:55 PM GMT

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