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भावुक कर देने वाला है गुरु गोबिन्द सिंह जी के परिवार का शहीदी सप्ताह, जानिए मानवता के लिए क्यों है खास
डिजिटल डेस्क, नागपुर। दसवें गुरु, गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज के चार साहिबजादों (पुत्रों) का शहीदी सप्ताह बाबा बुड्ढा जी नगर के गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर साहिब में भक्ति भाव से मनाया गया। इस मौके पर गुरु साहिब के पूरे परिवार की शहादत को याद किया गया। तखत दमदमा साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी केवल सिंह जी ने कहा कि गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज ने अपने दो बड़े बेटों को एक-एक कर मानवता की रक्षा के लिए मैदाने जंग में उतारा था। तारीख 26 दिसंबर गुरु गोबिन्द सिंघ जी के संपूर्ण परिवार की शहादत के कारण सुनहरी इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई।
4 जनवरी दिन शुक्रवार
सुबह साढ़े 8 बजे से समागम शुरु होगा, जो 11 बजे तक चलेगा
शाम 6 बजे से रात साढ़े 10 बजे तक दीवान सजेंगे
5 जनवरी दिन शनिवार
सुबह साढ़े 9 बजे से कार्यक्रम शुरु होगा, जो दोपहर देढ़ बजे तक चलेगा
शाम 6 बजे से रात साढ़े 10 बजे तक कीर्तन दरबार और कथा का आयोजन होगा
प्रकाश पर्व का आयोजन कलमना रोड स्थित गुरु गोबिन्द सिंह स्टेडियम में रखा गया है।
सोमवार सुबह के दरबार में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मलकीत सिंह बल ने ज्ञानी केवल सिंह जी को सिरोपा भेंट किया, इसके बाद ज्ञानी केवल सिंह ने उपराजधानी की सभी संगत का आभार जताया, साथ ही उन्होंने खुशी जताई कि गुरु गोबन्द सिंह जी महाराज का आगमन दिवस 5 जनवरी को मूल नानकशाही कलेंडर के तहत मनाया जा रहा है। उन्होंने संगत से अपील की कि इस दौरान भारी संख्या में एकत्रित होकर खुशियां प्राप्त करें। मलकीत सिंह ने बताया कि इस खास आयोजन में प्रचारक भाई पंथप्रीत सिंह जी खालसा एवं भाई राए सिंह जी विशेष रुप से शामिल होंगे, जो अमृतसर से आ रहे हैं।
दिसंबर से इसी आखिरी सप्ताह में गुरु जी के दो छोटे पुत्रों को सरहंद के नवाब ने हुक्म देकर नींवों (ईंट की दीवारों) में चुनवा दिया था। सिख धर्म ही विस्तार और मानवतावादी नीति इस समय के शासकों को खलने लगी थी। यही कारण था जब मानवाधिकारों की रक्षा के लिए शहादत की जरूरत पड़ी, तो गुरु पिता और नौवें गुरु, गुरु तेगबहादुर साहिब ने शहादत दी। इसके बाद गुरु जी के दो छोटे पुत्रों को शहीद किया गया, इस दौरान गुरु माता, गुजरी जी ने भी अपने प्राण त्याग दिए। इसके साथ ही दो बड़े पुत्र जंग में सवा लाख फौज से लोहा लेते हुए शहीद हो गए।
Created On :   24 Dec 2018 1:40 PM GMT