बारिश में भी प्यासे जलाशय, पहली बार एक दिन के अंतराल से हो रही जलापूर्ति

Empty reservoir, First time water supply 3 days in the week
बारिश में भी प्यासे जलाशय, पहली बार एक दिन के अंतराल से हो रही जलापूर्ति
बारिश में भी प्यासे जलाशय, पहली बार एक दिन के अंतराल से हो रही जलापूर्ति

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बारिश के मौसम में भी जलाशय प्यासे हैं। जलाशयों में सूखा और बारिश नहीं होने का असर अब सीधे नागपुर शहर की जलापूर्ति पर पड़ा है। शहर के इतिहास में पहली बार नागरिकों को एक दिन के अंतराल पर पानी देने का निर्णय लिया गया है। बुधवार, शुक्रवार और रविवार को शहर में जलापूर्ति नहीं होगी। इस दौरान टैंकरों से भी पानी नहीं मिलेगा। सोमवार तक अगर जलाशयों की स्थिति नहीं सुधरती है तो सोमवार को फिर बैठक लेकर इस पर पुनर्विचार किया जाएगा। अगर तब तक अच्छी बारिश और जलाशयों में पर्याप्त मात्रा में जल-भंडारण होता है तो निर्णय वापस लिया जाएगा, अन्यथा निर्णय जारी रहेगा। 

उन्होंने बताया कि तोतलाडोह और नवेगांव खैरी में पानी भंडारण अत्यंत कम हो गया है। इस कारण पेंच-1,2,3 में प्रेशर से पानी नहीं पहुंच पा रहा है। ऐसे में शहर की पानी टंकियों को भरने में दिक्कतें आ रही हैं। इसलिए एक दिन पानी रोक कर दूसरे दिन पानी दिया जाएगा। कन्हान नदी में पानी है। वहां से अगर जलापूर्ति नहीं करते हैं तो पानी बह जाएगा। इसलिए  कन्हान नदी के जरिये नेहरूनगर जोन, लकड़गंज जोन, आशीनगर जोन और सतरंजीपुरा जोन को जलापूर्ति हो सकती है। कितने लोगों को पानी मिलेगा, कह नहीं सकते। पत्र-परिषद में उपमहापौर दीपराज पार्डीकर, स्थायी समिति सभापति प्रदीप पोहाणे, प्रतोद दिव्या धुरडे, अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी, जलप्रदाय विभाग की कार्यकारी अभियंता श्वेता बैनर्जी आदि उपस्थित थे।

कहा-भारी मन से निर्णय
सत्तापक्ष नेता संदीप जोशी व जलप्रदाय समिति सभापति पिंटू झलके ने संवाददाताओं को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि भारी मन से यह निर्णय लेना पड़ रहा है। शायद इतिहास में यह पहला मौका है, जब इस तरह का कोई निर्णय लेने की नौबत आई है। फिलहाल रविवार तक एक दिन के अंतराल पर पानी दिया जाएगा। इस बीच अच्छी बारिश होती है या जलाशयों की स्थिति सुधरती है तो मौजूदा निर्णय पर पुनर्विचार किया जाएगा। 

अहम बैठक
महापौर नंदा जिचकार, स्थायी समिति सभापति प्रदीप पोहाणे, सत्तापक्ष नेता संदीप जोशी, जलप्रदाय समिति सभापति पिंटू झलके और मनपा प्रशासन की बैठक हुई। बैठक में बारिश की स्थिति और खाली जलाशयों को देखते हुए बुधवार से शहर में एक दिन के अंतराल पर पानी का देने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी व पालकमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भी इसकी जानकारी दी गई है। इस बारे में विरोधी पक्ष नेता तानाजी वनवे को भी भरोसे में लेने का विश्वास दिलाया गया। 

डेड-स्टॉक से लिया था पानी, वह भी खत्म
पिछले साल अच्छी बारिश नहीं होने से इस साल तोतलाडोह जलाशय समय से पहले सूख गया है। ऐसे में मई महीने में ही तोतलाडोह जलाशय के डेड-स्टॉक से पानी लेने की नौबत आई थी। सरकार ने 30 एमएमक्यूब पानी लेने की अनुमति दी थी। इस अनुसार 15 जुलाई तक जलाशय में पानी था। उम्मीद थी कि इस दौरान अच्छी बारिश होगी और जलाशय पानी से लबालब हो जाएंगे, लेकिन दो-तीन दिन छिटपुट बारिश के अलावा मानसून कहीं नहीं दिखा। तोतलाडोह और नवेगांव खैरी बांध सूखा ही रहा। ऐसे में 15 जुलाई आते-आते तोतलाडोह से लिया गया डेड-स्टॉक का पानी भी खत्म हो गया। अब डेड-स्टॉक में बचे थोड़े-बहुत पानी के सहारे प्यास बुझाने की तैयारी चल रही है। अगले एक सप्ताह में अच्छी बारिश नहीं होती है तो एक दिन के अंतराल पर पानी देने की योजना आगे भी जारी रह सकती है। 

उचित नियोजन नहीं किया
पानी की किल्लत की जानकारी पालकमंत्री ने 6 माह पहले ही दे दी थी, लेकिन इसके बाद भी प्रशासन ने उचित नियोजन नहीं किया। 24 बाय 7 पानी पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया। लीकेज के कारण लाखों लीटर पानी की बर्बादी हुई, लेकिन उस पर रोक नहीं लगाई गई। इसकी वजह से सप्ताह में 3 दिन पानी काटौती का निर्णय लेना पड़ रहा है।

-तानाजी वनवे, विपक्ष नेता, मनपा
 

Created On :   16 July 2019 7:36 AM GMT

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