सौभाग्य योजना को दुर्गम क्षेत्र में पहुंचाना चाहते हैं पालकमंत्री बावनकुले, सरकार से 800 करोड़ मांगे

Energy Minister Chandrashekhar Bawankule on saubhagya yojana in maharashtra
सौभाग्य योजना को दुर्गम क्षेत्र में पहुंचाना चाहते हैं पालकमंत्री बावनकुले, सरकार से 800 करोड़ मांगे
सौभाग्य योजना को दुर्गम क्षेत्र में पहुंचाना चाहते हैं पालकमंत्री बावनकुले, सरकार से 800 करोड़ मांगे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महाराष्ट्र के ऊर्जामंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह व कोयला मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की और सौभाग्य योजना को राज्य के दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए 800 करोड़ रुपए की सहायता देने की मांग की है। उन्होंने  इस संदर्भ में ज्ञापन भी सौंपा है। इस दौरान ऊर्जाक्षेत्र की विभिन्न समस्याओं पर भी चर्चा हुई। उन्होंने मौदा स्थित एनटीपीसी की परियोजना व भू-संपादन तथा किसानों की जमीन का मुआवजा जल्द से जल्द मिल सके, इस पर भी बात की।  प्रकल्पग्रस्तों की समस्याओं व कठिनाईयों पर भी श्री सिंह का ध्यान आकर्षित किया।

लंबित परियोजनाओं पर भी चर्चा
दिल्ली दौर में ही श्री बावनकुले ने कोयला मंत्री पीयूष गोयल से बिजली उत्पादन के लिए लगने वाले कोयले की नियमित आपूर्ति व अन्य लंबित परियोजनाओं को गति देने के बारे में चर्चा की। उन्होंने श्री गोयल से वेेकोलि से बिजलीघरों को नियमित कोयला आपूर्ति की मांग की। उन्होंने वेकोलि की खदानों के पास महानिर्मिति की परियोजनाओं को कन्वेयर बेल्ट के माध्यम से कोयला आपूर्ति करने की पेशकश की। उन्होंने बताया कि, खापरखेड़ा व कोराड़ी बिजलीघरों के पास वेकोलि की कामठी, इंदर, गोडेगांव, सिंगोरी व भानेगांव खदाने हैं। इन खदानों से कोयला कन्वेयर बेल्ट के माध्यम से भेजा जा सकता है।

इस 19 किमी की परियोजना पर 440 करोड़ रुपए का खर्च अनुमानित है। इसी प्रकार चंद्रपुर बिजलीघर को भटाडी कोयला खदान से कोयला आपूर्ति कन्वेयर बेल्ट से की जा सकती है। इस कार्य का शिलान्यास हाल ही में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस व केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी की उपस्थिति में हुआ है। इस कार्य को गति प्रदान करने की सिफारिश श्री बावनकुले ने की। उन्होंने कहा कि, इससे सड़क मार्ग से कोयला ढुलाई बंद होगी और प्रदूषण नियंत्रित होगा। साथ ही ढुलाई पर होने वाले खर्च में कमी आएगी व सड़कें खराब नहीं होगी। उन्होंने सावनेर की समस्या को भी श्री गोयल के समक्ष रखा।

खदानों का काम शुरू न होने से बाधा
उन्होंने बताया कि सावनेर की 80 प्रतिशत जमीन कोयला खदान के लिए आरक्षित की गई है। इसके चलते सावनेर के ढांचागत विकास का प्रारूप मंजूर नहीं हो सका। खदानों के लिए आरक्षण तो हुआ है, लेकिन वेकोलि ने भू-संपादन नहीं किया है। इससे किसान व शहरी लोग परेशानी में फंस गए हैं। खदानों का काम शुरू नहीं होने से विकास कार्य में अड़चन पैदा हो गई है और नागरिकों को समस्याओं का सामाना करना पड़ रहा है। अदान खदान के लिए 205.46 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण हुआ है, लेकिन कोई कार्य शुरू नहीं हुआ है। अधिग्रहण के संबंध में किसानों से कोई करार भी नहीं किया गया है। हेतवी व मकरधोकड़ा गांवों का पुनर्वसन भी अब तक नहीं हुआ है। इन समस्याओं का जल्द से जल्द निदान करने का निवेदन श्री बावनकुले ने श्री गोयल से किया। इसके अतिरिक्त कामठी रेलवे स्टेशन की समस्याओं पर भी दोनों नेताओं में चर्चा हुई।

Created On :   29 Aug 2018 6:51 AM GMT

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