अब छात्र नहीं होंगे परेशान, इंजीनियरिंग कॉलेज के शिक्षक करेंगे काउंसलिंग

Engineering college teacher will make the students counseling
अब छात्र नहीं होंगे परेशान, इंजीनियरिंग कॉलेज के शिक्षक करेंगे काउंसलिंग
अब छात्र नहीं होंगे परेशान, इंजीनियरिंग कॉलेज के शिक्षक करेंगे काउंसलिंग

डिजिटल डेस्क जबलपुर । कक्षा दसवीं के बाद वद्यार्थियों के सामने विषय चयन की समस्या आ जाती है। वे असमंजस में पड़ जाते हैं कि कौन सा विषय लें। वैसे भी 14 से 18 वर्ष की जो उम्र रहती है वो भ्रमित रहने वाली ज्यादा रहती है। भ्रम करियर, पढ़ाई और भविष्य को लेकर ज्यादा होता है।  खासकर इंजीनियरिंग विषय को लेकर यही कारण है कि राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के लिए आयुक्त लोक शिक्षण नीरज दुबे ने आदेश निकालते हुए सरकारी स्कूलों के कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों की काउंसलिंग इंजीनियरिंग कॉलेजों के शिक्षकों से कराने कहा है। वैसे तो आदेश के तहत काउंसलिंग के दायरे में दसवीं के साथ ही बारहवीं के विद्यार्थियों को भी शामिल करने कहा जा रहा है, लेकिन विशेष ध्यान कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों पर रखने के निर्देश हैं।  काउंसलिंग के जरिए इंजीनियरिंग कॉलेजों के शिक्षक इंजीनियरिंग विषयों में कौन कौन से विकल्प/ब्रांच हैं जिनमें प्रवेश लिया जा सकता है, करियर की क्या संभावनाए हैं आदि की जानकारी देंगे। शिक्षकों को आमंत्रित करने के लिए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को स्पष्ट किया गया है कि वे नजदीक के इंजीनियरिंग कॉलेज(निजी एवं सरकारी) से संपर्क कर शिक्षकों को आमंत्रित करें, शाला में विद्यार्थियों का उन्मुखीकरण की व्यवस्था करें। ये कार्यवाही 15 जनवरी 2018 तक पूर्ण कराने कहा गया है, ताकि परीक्षा के बाद विद्यार्थियों का दिमाग अपने भविष्य को लेकर पूरी तरह क्लियर रहे।भ्रम करियर, पढ़ाई और भविष्य को लेकर ज्यादा होता है। 
ये बताएंगे शिक्षक
>   विषय लेने के कौन-कौन से फायदे मिलेंगे।
>    अपनी रुचि के मुताबिक िवषय लें।
>    यदि इंजीनियरिंग करना चाहते हैं कैसे पढ़ाई करें।
>    जॉब की  गारंटी कितने प्रतिशत तक रहेगी।
>    यदि जॉब न करना चाहे तो बिजनेस भी कर सकते हैं।
>    शहर के बाहर किन शहरों में कंपनियां जॉब के लिए बुलाती हैं।
>    पढ़ाई पूरी करने के बाद पैकेज की शुरूआत कितनी राशि से होती है।

 

Created On :   11 Dec 2017 7:55 AM GMT

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