EPFO बरकरार रख सकता है 8.65% की ब्याज दर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली । कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की 21 फरवरी को ट्रस्टी बोर्ड के साथ होने वाली बैठक में भविष्य निधि पर अहम फैसला हो सकता है। कयास लगाए जा रहे हैं कि एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) को 8.65% पर ब्याज दर बरकार रखा जा सकता है। इससे ईपीएफओ के करीब पांच करोड़ अंशधारकों को फायदा मिलेगा। आपको बता दें ईपीएफओ ने 2016-17 के लिए 2016-17 के 8.8% से कम 2016-17 के लिए 8.65% ब्याज दर की घोषणा की थी। उसने लगभग 16% की कमाई 1,054 करोड़ रुपये में की है जो कि इस वित्त वर्ष में 8.65% की ब्याज दर देने के लिए पर्याप्त होगा।
ईपीएफओ ने चालू वित्त वर्ष में ब्याज दर 8.65 फीसद बनाए रखने के लिए अंतर को पूरा करने के लिए इस महीने की शुरुआत में 2,886 करोड़ रुपए के एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) बेच चुका है। ईपीएफओ ने 2016-17 के लिए 8.65 फीसद ब्याज दर की घोषणा की थी। ये 2015-16 में 8.8 फीसद थी।
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सूत्रों का कहना है कि ईपीएफओ ने 1,054 करोड़ रुपए पर 16 फीसद रिटर्न कमाया है। ये चालू वित्त वर्ष में अंशधारकों को 8.65 फीसद ब्याज देने के लिए पर्याप्त है। बैठक के एजेंडे में चालू वित्त वर्ष के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर निर्धारण का प्रस्ताव भी शामिल है।
लाभ ना मिलने पर लिया गया ईटीएफ बेचने का फैसला
ईपीएफओ अब तक ईटीएफ में 44,000 करोड़ रुपये का निवेश कर चुका है। अब तक संगठन ने इस निवेश से कोई लाभ नहीं निकाला है। चालू वित्त वर्ष के आय अनुमान के बाद ईटीएफ बेचने का फैसला किया गया। बैठक के एजेंडे में चालू वित्त वर्ष के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर निर्धारण का प्रस्ताव भी शामिल है। ईपीएफ पर ब्याज दरें पीएफ फंड के निवेश से मिलने वाले रिटर्न के आधार पर तय होती हैं। बीते कुछ सालों में सरकारी प्रतिभूतियों पर रिटर्न लगातार घट रहा है। सरकार 2015 में खरीदे गए ईपीएफओ के कुछ शेयर्स को भी बेचने की योजना बना रही है ताकि ब्याज दर को 8.65 फीसद पर स्थिर रखा जा सके।
Created On :   13 Feb 2018 6:16 AM GMT