यूरोपियन देशों ने भी किया चीन के बेल्ट ऐंड रोड इनिशिएटिव प्रोजेक्ट का विरोध

Europe have also come down in opposition to Chinas BRI
यूरोपियन देशों ने भी किया चीन के बेल्ट ऐंड रोड इनिशिएटिव प्रोजेक्ट का विरोध
यूरोपियन देशों ने भी किया चीन के बेल्ट ऐंड रोड इनिशिएटिव प्रोजेक्ट का विरोध
हाईलाइट
  • भारत पहले ही चीन के इस प्रोजेक्ट का विरोध कर चुका है।
  • EU के अधिकारियों का कहना है कि इस प्रोजेक्ट में सभी सहभागियों के हितों का ध्यान रखा जाना चाहिए।
  • EU के ट्रेड के लिए उदार नियम बनाने के एजेंडा को BRI से नुकसान होगा और सब्सिडी प्राप्त करने वाली चीन की कंपनियों के पक्ष में स्थितियां बनेंगी।
  • चीन में यूरोपियन यूनियन (EU) के 28 राजदूतों में से 27 ने BRI की निंदा की है।

डिजिटल डेस्क, स्टॉकहोम। चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव प्रोजेक्ट (BRI) के विरोध में यूरोप के देश भी उतर आए है। चीन में यूरोपियन यूनियन (EU) के 28 राजदूतों में से 27 ने BRI की निंदा की है। राजदूतों की ओर से तैयार की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि EU के ट्रेड के लिए उदार नियम बनाने के एजेंडा को BRI से नुकसान होगा और सब्सिडी प्राप्त करने वाली चीन की कंपनियों के पक्ष में स्थितियां बनेंगी। बता दें कि भारत पहले ही चीन के इस प्रोजेक्ट का विरोध कर चुका है।

रिपोर्ट में हंगरी के राजदूत शामिल नहीं
जुलाई में यूरोपियन यूनियन और चीन की समिट होने जा रही है। EU की ओर से जारी की गई इस रिपोर्ट को समिट की तैयारियों के तौर पर देखा जा रहा है। BRI को लेकर EU की एक साझा स्थिति बनाने पर यूरोपियन कमिशन काम कर रहा है। पिछले साल मई में पेइचिंग में हुए पहले BRI समिट में EU ने चीन के साथ BRI ट्रेड डॉक्युमेंट पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था। EU के जिन राजदूतों ने BRI पर रिपोर्ट पेश की है उनमे हंगरी के राजदूत शामिल नहीं हैं। ऐसा इसीलिए है क्योंकि उनके देश को BRI से फायदा मिलना है। बता दें कि BRI छह इकनॉमिक कॉरिडोर में 65 देशों से गुजरेगा।

सभी सहभागियों के हितों का रखे ध्यान
EU के अधिकारियों का कहना है कि इस प्रोजेक्ट में सभी सहभागियों के हितों का ध्यान रखा जाना चाहिए। जर्मनी के बड़े बिजनस ग्रुप सीमेंस के CEO, जो काइजर ने जनवरी में वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम में कहा था, ‘चीन का ‘वन बेल्ट बन रोड’ प्रॉजेक्ट नया वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन होगा- चाहे हम इसे पसंद करें या नहीं।’ चीन के इस प्रोजेक्ट को लेकर यूरोपियन यूनियन के 27 राजदूतों ने निंदा करते हुए कहा कि इससे मुक्त व्यापार पर बुरा असर पड़ेगा और चीन की कंपनियों को गैर वाजिब फायदा मिलेगा। 

भारत का विरोध
इससे पहले भारत ने BRI का विरोध करते हुए कहा था ‘कोई भी देश ऐसे प्रोजेक्ट को स्वीकार नहीं कर सकता जो संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर उसकी प्रमुख चिंताओं को नजरअंदाज करता है। हमारा मानना है कि कनेक्टिविटी से जुड़ी कोशिशें वैश्विक स्वीकृति वाले नियमों, कानून के शासन, पारदर्शिता और समानता पर आधारित होनी चाहिए।’  

Created On :   19 April 2018 3:50 PM GMT

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