District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
टीम डिजिटल, भोपाल. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने एमपी में हुए कोयला घोटाले के मामले में पूर्व कोयला सचिव समेत 3 अफसरों को दोषी पाया है. तीनों के खिलाफ सोमवार 22 मई को सजा सुनायी जाएगी. 

मामला एमपी में थेसगोरा-बी रूद्रपुरी कोल ब्लॉक का है. इस ब्लॉक का आबंटन KSSPL कंपनी को किया गया था. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने पाया की कोल् ब्लॉक के आबंटन में गड़बड़ी की गयी थी. इसके लिए कोर्ट ने पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, कोयला मंत्रालय के पूर्व संयुक्त सचिव केएस क्रोफा और पूर्व डायरेक्टर केसी सामरिया को दोषी पाया है. क्रोफा कोयला मंत्रालय में संयुक्त सचिव थे जबकि सामरिया उस वक्त मंत्रालय में कोल ब्लॉक आवंटन के डायरेक्टर थे।

कोल् ब्लॉक के लिए कंपनी की और से दाखिल की गयी एप्लीकेशन अधूरी थी. ये गुइडेलिने के मुताबिक भी नहीं थी. सीबीआई ने ये भी आरोप लगाया की नियमों के अनुसार एप्लीकेशन को खारिज किया जाना चाहिए था.  एमपी सरकार ने कंपनी को कोल् ब्लॉक आवंटन के लिए कोई सिफारिश नहीं की थी. कोर्ट ने KSSPL कंपनी और इसके एमडी पवन कुमार अहलूवालिया को भी दोषी करार दिया है. एच सी गुप्ता ने इससे पहले कोर्ट में यह भी दावा किया था कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने इस मामले की अंतिम मंज़ूरी दी थी। हालांकि सीबीआई ने उनके दावे को यह कहकर खारिज कर दिया था कि पीएम डॉ. सिंह (उस वक्त इनके पास कोयला मंत्रालय का भी प्रभार था) को इस मामले में अंधेरे में रखा गया था। 

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Created On :   19 May 2017 7:33 AM GMT

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