नागपुर की चांपा पारधी बस्ती में आबकारी व पुलिस विभाग ने मारा छापा

Excise and police department raid in champa pardhi basti nagpur
नागपुर की चांपा पारधी बस्ती में आबकारी व पुलिस विभाग ने मारा छापा
नागपुर की चांपा पारधी बस्ती में आबकारी व पुलिस विभाग ने मारा छापा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आबकारी विभाग के अलग-अलग दस्ते व कुही पुलिस ने चांपा पारधी बस्ती में संयुक्त रूप से छापा मारा। इस बस्ती से इन दस्तों को 110 लीटर तैयार महुआ शराब और 4850 लीटर रसायन पदार्थ सहित करीब 1 लाख 3 हजार रुपए का माल जब्त किया। इस कार्रवाई के दौरान आबकारी व पुलिस विभाग के हाथ कोई आरोपी नहीं लग सके। यह बस्ती इतनी खतरनाक है कि अकेले कार्रवाई के लिए जाने वाले पुलिस व आबकारी दस्ते पर हमला बोल देते हैं। इसलिए कार्रवाई के 5 दस्ते तैयार किए गए थे, जिसमें आबकारी विभाग ने चार और कुही पुलिस का एक दस्ता कार्रवाई के लिए भेजा गया था।

आबकारी विभाग से जुड़े सूत्रों के अनुसार कुही तहसील के चांपा पारधी बस्ती में ज्यादातर लोग अवैध महुआ शराब बनाते हैं। इस बस्ती में पुलिस या आबकारी विभाग को काफी दल बल के साथ छापामार कार्रवाई करनी पड़ती है। गत दिनों आबकारी विभाग और कुही पुलिस ने संयुक्त छापामार कार्रवाई की। इस कार्रवाई के दौरान खेतों व बस्ती के आस-पास की गलियों में जमीन के अंदर गाड़कर रखे गए 8-10 ड्रम को खोदकर निकाला गया। इन ड्रमों के अंदर में पानी के अंदर महुए को सड़ने के लिए भरकर रखा गया था। उपर से ड्रमों के ढक्कन लगा दिए गए थे। इन ड्रमों के अंदर इल्लियां बिलबिला रही थीं। इसे देखने के बाद शराब पीने वाले महुआ शराब को कभी नहीं पिएंगे। इतना ही नहीं महुआ शराब को जंगल में भट्टियों पर पकाया जाता है। उक्त दस्तों ने कार्रवाई करते हुए ड्रम, रसायन व अन्य सामग्री जब्त किया है। आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में अाबकारी विभाग के विविध दस्ते ने कार्रवाई में सहयोग किया। 

गोपलनगर का अतिक्रमण पुलिस संरक्षण में हटाएं नासुप्र

उधर गोपलनगर स्थित मौजा परसोड़ी के कैलाश गृहनिर्माण सोसायटी के ले-आउट में सड़क पर हुए अतिक्रमण को पुलिस बल के संरक्षण में हटाने के आदेश बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने बुधवार को नागपुर सुधार प्रन्यास को जारी किए। दरअसल हाईकोर्ट में कैलाश गृहनिर्माण सोसायटी व अन्य ने जनहित याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता के अनुसार मौजा परसोड़ी में 30/1, 37/2, 30/3 खसरा क्रमांक के ले-आउट में रोड पर अतिक्रमण है। इस मामले में 13 मार्च 1996 को उन्होंने नासुप्र से शिकायत की थी। इसके बाद भी कई शिकायतें की। इस पर नासुप्र ने वर्ष 2008, 2013 और 2014 को अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी कर जमीन खाली करने के आदेश दिए थे। लेकिन इसके बाद भी जमीन खाली नहीं हुई। इसके बाद 22 जून 2016 को नासुप्र ने स्वयं यह अतिक्रमण हटाने का प्रयास किया था, लेकिन वहां उनका जोरदार विरोध हुआ। इसलिए कार्रवाई नहीं होने का दावा याचिका में किया गया था। ऐसे में हाईकोर्ट ने यह आदेश जारी किया है। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड. देवेन लांबट और नासुप्र की ओर से एड. गिरीश कुंटे ने पक्ष रखा।

Created On :   21 March 2019 3:58 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story