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Facebook लाया 'Oculus Go', वर्चुअल रियलिटी का मिलेगा मजा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पॉपुलर सोशल साइट Facebook अब धीर-धीरे वर्चुअल टेक्नोलॉजी को बढ़ाने के लिए अच्छी-खासी मेहनत कर रही है और इसके लिए कंपनी ने गुरुवार को वर्चुअल रियलिटी हेडसेट Oculus Go को लॉन्च किया है। कंपनी का कहना है कि Oculus Go पहला ऐसा स्टैंडअलोन प्रोडक्ट है, जिससे वर्चुअल रियलिटी में जाना आसान होगा। फिलहाल इसे सिर्फ लॉन्च किया गया है और इसकी बिक्री अगले साल की शुरुआत से की जाएगी। बता दें Oculus एक वर्चुअल रियलिटी बेस्ड कंपनी है, जिसे Facebook ने 2014 में खरीद लिया था।
कम कीमत में आया है Oculus Go
Oculus Go को लॉन्च करते समय Facebook के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने बताया कि, ये नया VR हेडसेट पिछले हेडसेट Oculus Rift के मुकाबले काफी अलग है और इसको स्मार्टफोन या किसी और डिवाइस से कनेक्ट करने की जरुरत भी नहीं होती। उन्होंने कहा कि, पिछला हेडसेट काफी महंगा था, इसलिए हमें बजट में अच्छी क्वालिटी के VR हेडसेट को लाना है। वर्चुअल रियलिटी पर यूजर्स को लाने के लिए कंपनी ने 1 अरब का टारगेट रखा है। इसके लिए कंपनी ने Oculus Go को सस्ता बनाया गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक ये पहुंच सके। इस हेडसेट को कंपनी ने मात्र 199 डॉलर, (करीब 13,000 रुपए) में लॉन्च किया है।
क्या है इसकी खासियत?
इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसे यूज करने के लिए आपको न ही किसी स्मार्टफोन की जरुरत पड़ेगी और न ही किसी कंप्यूटर की। Oculus Go में बिल्ट इन स्पीकर्स दिए गए हैं, यानी कि आप बिना हेडफोन के भी ऑडियो सुन सकते हैं। कंपनी के वर्चुअल रियलिटी डिपार्टमेंट के हेड ह्यूगो बारा का कहना है कि Oculus Go वर्चुअल रियलिटी में जाने का सबसे आसान तरीका है। उन्होंने बताया कि इस हेडसेट में लेंस लगे हुए हैं और इसका स्क्रीन रिजोल्यूशन 2560x1440 है। इसके साथ ही इस हेडसेट के साथ एक रिमोट कंट्रोलर भी मिलेगा, जो Gear VR जैसा ही होगा। इस हेडसेट का बिक्री अगले साल की शुरुआत से होगी।
13 अरब में Oculus को खरीदा था कंपनी ने
तीन साल पहले यानी 2014 में Facebook ने वर्चुअल रियलिटी बेस्ड Oculus को 2013 में 13 अरब में खरीदा था। facebook पिछले कई समय से वर्चुअल रियलिटी को बढ़ाने की कोशिश कर रही है। हालांकि अभी तक Oculus के एक भी प्रोडक्ट ने बिक्री के कोई रिकॉर्ड नहीं तोड़े हैं, जिससे कंपनी को थोड़ी निराशा जरुर हुई है। साथ ही कंपनी को इससे अब तक कोई फायदा भी नहीं हुआ है। कंपनी को उम्मीद है कि अगले 10 सालों में कंपनी वर्चुअल रियलिटी हेडसेट से अच्छा-खासा रेवेन्यू जनरट हो सकता है क्योंकि आजकल कई सारे स्मार्टफोन में कंपनियों ऑग्मेंटेड रियलिटी और वर्चुअल रियलिटी वाले फीचर्स दे रही हैं।
Created On :   13 Oct 2017 5:28 AM GMT