डाटा लीक पर जुकरबर्ग ने मानी गलती, कहा- अगर कुछ हुआ है, तो ये हमारी जिम्मेदारी है

डाटा लीक पर जुकरबर्ग ने मानी गलती, कहा- अगर कुछ हुआ है, तो ये हमारी जिम्मेदारी है

डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। यूजर्स के डाटा लीक होने का मामला सामने आने के बाद फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग ने अपनी गलती मानते हुए कहा है कि हम अपनी गलतियों से सीखने की कोशिश करेंगे और एक बार फिर आपका विश्वास जीतेंगे। इसको लेकर मार्क जुकरबर्ग ने बुधवार को फेसबुक पर एक पोस्ट लिखा है, जिसमें उन्होंने कैम्ब्रिज एनालिटिका के डाटा लीक मामले में अपनी गलती को कबूला है। जुकरबर्ग ने इस पोस्ट में लिखा है कि लोगों के डाटा को सिक्योर रखना हमारी जिम्मेदारी है और अगर हम इसमें फेल होते हैं तो ये हमारी गलती है। बता दें कि पॉलिटिकल कंसल्टेंसी फर्म कैम्ब्रिज एनालिटिका पर 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स का डाटा चोरी करने का आरोप लगा है, जिसके बाद फेसबुक पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। 

जुकरबर्ग ने अपनी पोस्ट में क्या लिखा?

बुधवार को फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग ने एक लंबी फेसबुक पोस्ट लिखी है, जिसमें उन्होंने डाटा लीक होने की गलती को माना है। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि "कैम्ब्रिज एनालिटिका वाले मामले में मैं आपसे कुछ शेयर करना चाहता हूं। कंपनी ने इस मामले में अभी तक कई कदम उठाए हैं और आगे भी उठाएंगे। हमारे पास आपका डाटा प्रोटेक्ट करने की जि्मेदारी है और अगम हम ऐसा नहीं कर पाते हैं तो हम आपको सर्विस देने के लायक नहीं है। मैं ये समझने के लिए काम कर रहा हूं कि ये सब कैसा हुआ और इसे कैसे रोका जा सकता है। हालांकि हमने इसको लेकर पहले भी कई कदम उठाए हैं लेकिन हमसे कई गलतियां भी हुईं, जिनको लेकर काम किया जा रहा है।" उन्होंने ये भी लिखा कि हम अपनी गलतियों से सीखेंगे और फिर से आपका विश्वास जीतेंगे।

जकरबर्ग ने पूरे मामले को ऐसे समझाया

- 2007 में हमने फेसबुक में कई नई चीजों को अपडेट किया। जिनमें दोस्तों के जन्मदिन, एड्रेस बुक, मैप्स जैसे कई एप्स शामिल थे। इसके लिए हमने फेसबुक यूजर्स से कुछ जानकारी ली, जिसमें उनके दोस्त कौन हैं जैसी जानकारियां शामिल थी।

- 2013 में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के रिसर्चर एलेक्जेंडर कोगन ने एक पर्सनल क्विज एप बनाया। इस एप को तकरीबन 3 लाख लोगों ने इन्स्टॉल किया। इस एप में यूजर्स के कुछ पर्सनल डाटा का भी यूज किया गया। इससे न सिर्फ उन 3 लाख लोगों का डाटा शेयर हुआ, बल्कि उनके कई दोस्तों का डाटा भी शेयर हो गया। 

- 2014 में हमने एप्स और डाटा शेयरिंग के तरीकों मे कुछ बदलाव किए। जिसके बाद अगर कोई दूसरी एप किसी यूजर का डाटा मांगती है तो उसके लिए उसे यूजर की परमिशन लेनी होगी। इसके साथ ही अगर कोई एप किसी फेसबुक यूजर का डाटा मांगती है, तो उसके लिए उसे हमसे भी एप्रूवल लेना होगा।

- लेकिन 2015 में एक अखबार की रिपोर्ट से हमें पता लगा कि एलेक्जेंडर कोगन ने ये डाटा कैम्ब्रिज एनालिटिका कंपनी के साथ शेयर किया है, जो नियमों के खिलाफ था। जिसके बाद हमने एक्शन लेते हुए कोगन की एप को तुरंत फेसबुक से बैन कर दिया। हमने तुरंत कोगन और कैम्ब्रिज एनालिटिका से सभी यूजर्स का डाटा डिलीट करने को और साथ ही इसका सर्टिफिकेट देने को भी कहा।

पिछले हफ्ते ही हमें पता लगा कि कैम्ब्रिज एनालिटिका ने यूजर्स का डाटा डिलीट नहीं किया है, जिसके बाद हमने उन्हें हमारी सर्विस यूज करने से बैन कर दिया।

डाटा लीक होने से कैसे रोकेगा फेसबुक?

- उन्होंने बताया कि फेसबुक अब सभी एप्लीकेशंस की जांच करेगा, जो उनके साथ जुड़ी हुई हैं और उनका ऑडिट करवाया जाएगा। अगर कोई एप डेवलपर ऑडिट नहीं करवाता है, तो उसे बैन कर दिया जाएगा। 

- पोस्ट में जकरबर्ग ने बताया कि इसके अलावा अगर आपने किसी एप को 3 महीने तक यूज नहीं किया है, तो डेवलपर से आपका डाटा वापस ले लिया जाएगा।

- उन्होंने बताया कि इसके साथ एप को दिए जाने वाला डाटा अब सिर्फ नाम, प्रोफाइल फोटो और ईमेल एड्रेस तक ही सीमित कर दिया जाएगा। 

- उन्होंने बताया कि कंपनी अगले एक महीने में न्यूज फीड में कुछ बदलाव करने जा रही है, जिससे यूजर कुछ एप से अपने आप को साइन आउट कर सकेगा। ये टूल अभी भी सेटिंग में है, लेकिन अब इसे न्यूज फीड में लाया जाएगा।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, ब्रिटेन की एक पॉलिटिक कंसल्टेंसी फर्म "कैम्ब्रिज एनालिटिका" पर करीब 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स का डाटा उनकी इजाजत के बिना यूज करने का आरोप लगा है। एक चैनल ने अपने स्टिंग ऑपरेशन में इस बात का खुलासा किया है। चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में ये बात निकलकर आई कि कैम्ब्रिज एनालिटिका ने करोंड़ों फेसबुक यूजर्स के पर्सनल डाटा का गलत इस्तेमाल किया। इसके साथ ही ये भी दावा किया गया है कि कंपनी ने 2016 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इस डाटा का इस्तेमाल किया और ट्रंप को फायदा पहुंचाया। इसके लिए कंपनी ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया, जिससे लोगों के पॉलिटिकल इंटरेस्ट का अंदाजा लगाया जा सके। इस खबर के सामने आने के बाद के बाद फेसबुक को करीब 40 अरब डॉलर का नुकसान होने की बात कही जा रही है। 

Created On :   22 March 2018 2:17 AM GMT

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