'श्रीयंत्र' रखने से आती है लक्ष्मी-समृद्धि, दूर होते हैं वास्तु दोष
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। श्रीयंत्र, कहा जाता है कि ये जिसके भी पास होता है धन-लक्ष्मी और सुख समृद्धि स्वतः ही उसके पास चली आती है। श्री अर्थात लक्ष्मी, हिंदू धर्म में दिवाली पूजन के बाद लिखे जाने वाले शुभ-लाभ के साथ ही श्री का प्रयोग भी किया जाता है। इसका अर्थ लक्ष्मी से ही होता है।
ब्रम्हांड का प्रतीक
श्रीयंत्र को ब्रह्मांड का प्रतीक माना जाता है। मां लक्ष्मी का वास और मां सरस्वती के प्रतीक रूप में श्रीयंत्र को सभी यंत्रो में सबसे उत्तम माना जाता है। जिसकी वजह से इसका सीधा संबंध धन व विद्या से होता है। इसे घर के साथ-साथ शाॅप, फैक्टरी या जिस भी स्थान पर व्यवसाया संचालित है वहां भी विधि-विधान से पूजन के उपरांत रखना चाहिए। साथ ही प्रतिदिन पूजन कर नमस्कार करना चाहिए। ऐसा करने से धन के साथ ही मान-सम्मान प्रतिष्ठा में भी वृद्धि होती है।
प्रसन्न होती हैं मां लक्ष्मी
मां लक्ष्मी के साथ ही दिवाली की रात यदि श्रीयंत्र की भी पूजा की जाती है तो माता और अधिक प्रसन्न होती हैं। कहा जाता है कि इससे सभी दोष समाप्त होते हैं और लक्ष्मी के द्वार खुल जाते हैं। मुख्य रूप से इसे पूजन स्थान पर ही रखना चाहिए। स्थायी रूप से भी श्रीयंत्र की स्थापना घर, दुकान या फैक्टरी में की जा सकती है।
पूजन में इस्तेमाल चीजें
श्रीयंत्र की पूजा करने के लिए सिंदूर, शुद्ध घी, बेलपत्र का इस्तेमाल मुख्य रूप से किया जाता है। चावल व हल्दी, चंदन का उपयोग भी तिलक के रूप में किया जा सकता है।
होते हैं ये फायदे
- श्रीयंत्र को घर में रखने से घर के वास्तुदोष दूर होते हैं। एवं धन आगमन के द्वार खुले रहते हैं।
- व्यापार-व्यवसाय में सफलता पाने के लिए इसे तिजोरी में रखना ही उत्तम माना गया है।
- इसे रखने से बुरी शक्तियां भी घर से दूर रहती हैं।
- श्रीयंत्र की नियमित पूजा करने से मन-मस्तिष्क में सकारात्मक विचारों का आगमन होता है।
Created On :   6 Oct 2017 5:28 AM GMT