धान खरीदी के नियमों को लेकर असंमजस में किसान, 72 केन्द्रो की नहीं मिली अनुमति

Farmers, 72 centers not allowed due to paddy purchase rules
धान खरीदी के नियमों को लेकर असंमजस में किसान, 72 केन्द्रो की नहीं मिली अनुमति
धान खरीदी के नियमों को लेकर असंमजस में किसान, 72 केन्द्रो की नहीं मिली अनुमति

डिजिटल डेस्क  बालाघाट। इस वर्ष शासन द्वारा समर्थन मूल्य में धान खरीदी के लिए कई बदलाव किये गये है। जहां गत वर्षो में एसएमएस आने के बाद किसान सोसायटी में कभी भी अपनी धान को विक्रय कर सकता था किन्तु इस वर्ष किसान को एसएमएस मिलने के 48 घंटे के अंदर अपनी धान को तुलवाना होना। साथ ही बिना एसएमएस के तौल पर्ची भी नहीं मिलेगी। यही नहीं बल्कि उपार्जन केन्द्र में किसानों द्वारा लाई गई धान यदि एफएक्यु एप में फेल होती है तो उस समय भी उस धान को साफ कर उसे 48 घंटे में ही तुलवाना होगा। अन्यथा उसका धान नहीं तौला जायेगा। जिसके बाद उसे अपने धान विक्रय के लिए दूसरे और तीसरे एसएमएस का इंतजार करना होगा। धान खरीदी में हुए बदलाव को लेकर प्रशासन भले ही इसे सही बता रहा हो किन्तु आज भी जिले के अधिकांश किसानों को इसकी जानकारी नहीं होने से वह परेशान हो रहे है।
बताया जाता है कि आज भी जिले में अधिकांश किसानों के यहां गहानी नहीं हो सकी है। जिससे किसान अभी धान को इक_ा नहीं कर सका है, ऐसे मे उसके मोबाईल पर धान विक्रय के लिए भेजे गये एसएमएस से उसे धान विक्रय को लेकर चिंता सता रही है। हालांकि प्रशासन का कहना है कि पहले एसएमएस में यदि किसान अपनी धान विक्रय नहीं कर पा रहा है तो उसे चितिंत होने की आवश्यकता है, उसके धान विक्रय को दो बार भोपाल स्तर से और एक बार सोसायटी स्तर पर उसे एसएमएस भेजा जायेगा, जिसके आधार पर किसान धान उपार्जन केन्द्र में आकर अपनी धान विक्रय कर सकता है। धान विक्रय को लेकर किसानों के मन में असंमजस को दूर करने के लिए प्रशासन को चाहिये कि वह पंजीकृत किसानों को धान खरीदी में हुए बदलाव की जानकारी दे, ताकि किसान बिना चिंता के अपनी उपज बेच सकें।
केवल 93 केन्द्रो की शासन से मिली मंजूरी
धान खरीदी के लिए प्रशासनिक स्तर पर जिले में 165 केन्द्रो की स्थापना की बात कही जा रही हो किन्तु शासन स्तर से अब तक जिले में मात्र 93 केन्द्र स्थापना की ही मंजूरी मिली है, जिससे 72 केन्द्रो की स्थापना अभी नहीं हो सकी है। जिससे भी किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बताया जाता है कि डिफाल्टर सोसायटियों में धान खरीदी कराये जायें, या नहीं, इस पर अभी मामला अटका है, जिसके कारण उपार्जन केन्द्र की स्थापना नहीं हो सकी है। हालांकि प्रशासनिक अधिकारी का कहना है कि प्रशासन, शासन स्तर पर 72 केन्द्रो की स्थापना के लिए मंजूरी लेने के लिए सतत प्रयासरत है और जल्द ही शासन स्तर पर इसकी अनुमति मिल जायेगी। बहरहाल इसकी अनुमति मिलने तक जिले के 93 केन्द्रो में ही धान खरीदी की जायेगी।
ओपन केप में धान खरीदी प्रारंभ
ओपन केप में धान खरीदी को लेकर सहकारी कर्मचारी महासंघ पहले विरोध कर रहा था, किन्तु विगत 3 दिसंबर को प्रशासनिक अधिकारी और सहकारी कर्मचारी महासंघ की हुई बैठक के बाद महासंघ ने ओपन केप में धान खरीदी को लेकर अपनी सहमति दी थी। जिसके बाद गर्रा, खापा, पालडोंगरी, डोंगरिया और चिकमारा केप में आसपास के समीपस्थ ग्रामों के किसानों की धान खरीदी प्रारंभ हो गई है। विभागीय जानकारी अनुसार गर्रा केप में लेंडेझरी, चिल्लौद, खापा केप में खापा, विपणन वारासिवनी, पालडोंगरी केप में पालडोंगरी, साडरा, दहेगांव, डोंगरिया केप में परसवाड़ा, चंदना और चिकमारा केप में मानेगांव क्षेत्र के किसानों की धान खरीदी की जा रही है। केप में क्षेत्र के ही किसान, अपनी उपज का विक्रय करें, इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर पूरी मेपिंग की गई है।
इनका कहना है
शासन स्तर से अभी 93 केन्द्रो की स्थापना की मंजूरी मिली है। शेष 72 केन्द्रो की स्थापना के लिए प्रयास जारी है। किसानों को उनकी उपज का विक्रय करने के लिए एसएमएस भेजा जा रहा है, जो किसानों को तीन बार भेजा जायेगा। जिसके तहत किसान अपनी उपज का विक्रय उपार्जन केन्द्र में कर सकेगा। इस वर्ष धान खरीदी में किये गये बदलाव में नया बदलाव यह है कि किसान को एसएमएस मिलने के 48 घंटे के अंदर अपनी धान का विक्रय करना होगा। यही अवधि नान एफएक्यु धान पर भी लागु होगी। सरकार किसानों का एक-एक दाना लेने तैयार है, इसलिए किसान बिना चिंता के अपनी धान, निर्धारित उपार्जन केन्द्र में समर्थन मूल्य पर विक्रय कर सकते है।
आर चौधरी, जिला आपूर्ति अधिकारी
 

Created On :   7 Dec 2019 12:35 PM GMT

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