किसानों को नहीं मिल रहा नगद ऋण, सहकारी बैंक कर रहे आनाकानी, एक भी प्रकरण स्वीकृत नहीं

Farmers are not getting loan, bank troubling them to provide loan
किसानों को नहीं मिल रहा नगद ऋण, सहकारी बैंक कर रहे आनाकानी, एक भी प्रकरण स्वीकृत नहीं
किसानों को नहीं मिल रहा नगद ऋण, सहकारी बैंक कर रहे आनाकानी, एक भी प्रकरण स्वीकृत नहीं
हाईलाइट
  • किसानों के जुताई
  • हाइब्रिड बीज सहित कई काम अटक गए हैं।
  • केंद्रीय बैंक की किसी शाखा से किसानों को नगद ऋण नहीं दिया जा रहा है।
  • जिले में एक लाख 68 हजार 326 पंजीकृत किसान हैं।

 डिजिटल डेस्क, शहडोल। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की किसी शाखा से किसानों को नगद ऋण नहीं दिया जा रहा है। इस वजह से किसानों के जुताई, हाइब्रिड बीज सहित कई काम अटक गए हैं। हाइब्रिड बीज सहकारी समितियों में नहीं मिलते हैं। सहकारी बैंकों के कर्मचारी हड़ताल समाप्त कर सोमवार से काम पर लौटे हैं। इसके बाद से खाद बीज की समस्या तो समाप्त हो गई है, समितियों को खाद-बीज भंडारित हो गया है, लेकिन किसानों को केसीसी से नगद ऋण नहीं मिल रहा है।

भारतीय किसान संघ के जिला उपाध्यक्ष जगदीश द्विवेदी ने बताया कि जिले के किसी भी सहकारी बैंक में किसानों को नगद ऋण नहीं दिया जा रहा है। मैं खुद ऋण के लिए भटक रहा हूं। मुझे बीज खरीदना है। उन्होंने बताया कि पुराना कर्ज चुकाने वाले कई किसान ऋण न मिलने से परेशान हैं, क्योंकि एक-दो दिन में बोवनी शुरू होने वाली है। अधिकतर किसान हाइब्रिड बीज बोते हैं, जो बाजार से खरीदना पड़ता है। वहीं ट्रैक्टर चलाने के लिए डीजल की भी जरूरत होगी।

संभाग को इस बार 62 करोड़ रुपए ऋण वितरण का लक्ष्य दिया गया है। शहडोल जिले की बात करें तो यहां खरीफ की फसल का एक लाख 80 हजार हेक्टेयर का रकबा है। जिले में एक लाख 68 हजार 326 पंजीकृत किसान हैं।

बिना ब्याज मिलता है ऋण
खेती-किसानी के लिए किसानों को 0 फीसदी ब्याज पर ऋण मिलता है। यह ऋण किसानों को उनकी जमीन और पात्रता कि हिसाब से मिलता है। एक किसान को अधिकतम 3 लाख रुपए तक का ऋण मिल सकता है। नियमों के मुताबिक खरीफ की फसल के लिए एक हेक्टेयर भूमि पर 21 हजार रुपए वहीं रबी की फसल के लिए एक हेक्टेयर भूमि पर 28 हजार रुपए का ऋण स्वीकृत किया जाता है। यह ऋण पाने की न्यूनतम पात्रता है। इसी हिसाब से जैसे-जैसे भूमि का रकबा बढ़ता जाता है, ऋण की राशि बढ़ती जाती है। इसे एक निर्धारित अवधि में जमा करना होता है। उसके बाद 14 फीसदी ब्याज वसूल किया जाता है।

इनका कहना है
बैंकों के पास बजट की कोई कमी नहीं है। शहडोल संभाग में ज्यादा लक्ष्य भी नहीं है। किसानों को कोई दिक्कत नहीं होगी। सभी को समय पर ऋण उपलब्ध करा दिया जाएगा।
बीएस परते, सहकारिता उपायुक्त

 

Created On :   26 Jun 2018 8:00 AM GMT

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