गेट का ताला तोड़कर डेम से ले रहे पानी, परेशान विभाग ने थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट

Farmers are taking the water by destroying the gates of canals
गेट का ताला तोड़कर डेम से ले रहे पानी, परेशान विभाग ने थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट
गेट का ताला तोड़कर डेम से ले रहे पानी, परेशान विभाग ने थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। पेंच परियोजना की नहर जहां पहुंच नहीं पा रही वहां के किसान जमीन देने और नहरें बनने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। वहीं माचागोरा बांध के नजदीक बसे कुछ गांवों के लोग ऐसे भी हैं जो अपने खेतों मेें माइनर नहरों का निर्माण नहीं होने दे रहे हैं पर वे पानी जरूर ले रहे हैं। वे मुख्य नहरों में स्थापित आपातकालीन गेटों का ताला तोड़कर नालों में पानी बहा रहे हैं। नालों से मोटर लगाकर खेतों में पानी पहुंचा रहे हैं। इस स्थिति ने पेंच परियोजना की सिंचाई व्यवस्था को गड़बड़ा दिया है। बार-बार ताले टूटने से परेशान पेंच परियोजना के अधिकारियों ने चौरई थाने में इसकी शिकायत की है।

ताले तोड़कर जनरेटर के पाने से खोल रहे गेट
पेंच परियोजना की लेफ्ट बैंक केनाल के आपात गेटों का ताला तोडऩे के बाद उसे जनरेटर के पाने से खोला जा रहा है। गेटों को उठाने के बाद नालों में पानी बहाया जा रहा है। खासबात यह कि गेटों में 6-6 ताले होने के बाद भी उसे खोल लिया जा रहा है। पिछले 10 दिनों में तीन बार ताले तोड़े जा चुके हैं।

टेल तक पानी पहुंचाना हो रहा कठिन
मुख्य नहर का गेट बार-बार खोल लिए जाने से पानी टेल तक पहुंचना कठिन हो रहा है। एलबीसी से बखारी ब्रांच केनाल के टेल तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। उक्त केनाल से सिवनी ब्रांच केनाल में भी जुड़ी हुई है। दोनों नहरों में पानी की डिमांड बनी हुई है। जबकि आखिर तक पानी पहुंचाने लगातार मात्रा बढ़ाने की स्थिति बन रही है।

6 किमी बननी है पांच माइनर नहरें
जिन स्थानों पर गेट के ताले तोड़े जा रहे हैं, उन गांवों के लिए पांच माइनर नहरों का निर्माण होना है। कुल 6 किमी नहरें बननी है। जिसका ठेका भी हो गया है, लेकिन ग्रामीण निर्माण नहीं होने दे रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक नहरों के निर्माण से किसानों को आसानी से पानी मिल पाएगा। उन्हें मोटर और बिजली पर खर्च नहीं करना पड़ेगा।

इन गांवों के बीच बनना है नहरें
माइनर नहरों का निर्माण बाम्हनवाड़ा, तुमड़ा, लोहारा, सिगना, खटकर, सिरेगांव और लुंगसी के बीच होना है। आधा किमी से लेकर दो किमी तक लंबाई की पांच अलग-अलग माइनर नहरों का निर्माण होना है।

 

 

Created On :   6 Dec 2018 8:02 AM GMT

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