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किसान पुत्र ने बनाया विशेष ड्रोन, हो सकेगा खेतों में स्प्रे, वन्यजीव भी खदेड़े जाएंगे
डिजिटल डेस्क, वर्धा। थ्री इडियट फिल्म से प्रेरणा लेकर एक किसान पुत्र ने अनोखा ड्रोन तैयार किया है, जो खेतों में स्प्रे और वन्यजीवों से रक्षा करेगा। समीपस्थ आकोली (जामणी) गांव के बी.कॉम. द्वितीय वर्ष के छात्र किसान पुत्र शुभम मुरले ने इंटरनेट पर जानकारी हालिस कर कड़े परिश्रम से यह ड्रोन तैयार किया है। पिछले आठ वर्षों से की गई मेहनत से उसने सफलता पाई है। आधुनिक तकनीक की सहायता से किसान पुत्र ने पिता का कर्ज उतारते हुए आनेवाले समय में ड्रोन का प्रयोग कर खेती में स्प्रे तथा वन्यजीवों को आने से रोकने की योजना बनाई है।
कक्षा 6 वीं से शुरू किया काम
बता दें कि जिला परिषद की प्राथमिक स्कूल में शिक्षारत किसान नरेंद्र मरले के बेटे शुभम के जहन में कक्षा 6वीं से ड्रोन को साकार करने की संकल्पना ने जन्म लिया। तब उसने इस दिशा में काम शुरू कर दिया। शुभम बताते हैं कि उनकी प्राथमिक शिक्षा जिप के स्कूल में हुई। माध्यमिक शिक्षा भी उसने शासकीय मान्यता प्राप्त संस्था श्रीकृष्ण हाईस्कूल में ली। उसके बाद उसने पिपरी में पॉलिटेक्निक शिक्षा शुरू की, किंतु वहां की शिक्षा संतोषजनक न होने पर उसने पिपरी के जाजू कॉलेज में विज्ञान संकाय में प्रवेश लिया। वर्तमान में वह न्यू आर्ट्स कॉलेज में वाणिज्य शाखा में द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रहा है।
3 इडियट मूवी से मिली प्रेरणा
उसने बताया कि 3 इडियट्स मूवी से प्रभावित होकर उसने तकनीकी तालीम खुद लेने शुरू की। पारिवारिक स्थिति दुर्बल होने की वजह से वह एंड्रइड मोबाइल नहीं खरीद सकता था। इसलिए उसने दोस्त से मदद लेकर यू-ट्यूब पर वीडियो देख तकनीकी ज्ञान बढ़ाया। ड्रोन के पुर्जे खरीदने के लिए उसने कृषि तथा शहर में पेंटिंग कार्य करके पैसे जमा किए। शुरू से लेकर अब तक उसने घर की कई वस्तुएं तोड़कर आविष्कार करने का प्रयास किया। लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व उसे सफलता हासिल हुई। 26 नवंबर 2017 में पहली बार उसके ड्रोन ने आकाश में उड़ान भरी। इन 10 वर्षों में उसने तकरीबन 80 से 90 हजार रुपए खर्च किए हैं। जिसमें उसने अब तक 2 ड्रोन तथा 2 ऐरोप्लेन तैयार किए हैं। इन दिनों वह विभिन्न स्थानों में लगनेवाले मेलों में बैनर राइटिंग तथा ड्राफ्टिंग का काम कर रहा है। जिससे उसने अब तक 30 हजार रुपए कमाए हैं।
ड्रोन करेगा किसानों की मदद
किसान पुत्र होने के नाते मेरा यह ड्रोन यदि किसानों के काम आ जाए तो मुझे खुशी होगी। आने वाले समय में ड्रोन का वजन उठाने की क्षमता बढ़ाकर खेती में स्प्रे तथा वन्यजीवों पर लगाम लगाने की योजना है। यह काम काफी खर्चीला है। इसके लिए सरकार से मदद लेने का प्रयास जारी है। माइक्रो स्मॉल मीडिया इंडस्ट्री को प्रपोजल भेजा गया है, जो विदर्भ लेवल पर मंजूर हो चुका है। अब इसे शासकीय मान्यता मिलनी बाकी है। यदि इसे मान्यता मिल जाती है तो इसकी मैन्युफैक्चरिंग भारत में ही होकर कम बजट में यह ड्रोन किसानों को मिल सकता है।
- शुभम नरेंद्र मुरले, ड्रोन शोधकता
खराब उपकरणों का करता था उपयोग
फिल्म देखने के बाद घर की पुरानी वस्तुओं से उसे ज्यादा प्यार हो गया। घर में रखा डेक, डीवीडी आदि खराब उपकरणों से काम की मशीनें वह निकाल लेता था। कई बार दुरुस्त उपकरणों को भी बेकार कर देता। इसके लिए उसे कई बार डांटा भी गया। फिर भी उसने हार नहीं मानी। जब उसके ड्रोन ने गांव में पहली उड़ान भरी, तब उसके सपनों का पता चला। किसानों की मदद के लिए उसने स्प्रे वाला ड्रोन बनाने की योजना बनाई है। यदि वह इसमें सफल हो जाता है तो एक पिता के लिए इससे ज्यादा गर्व की क्या बात हो सकती है।
- नरेंद्र मुरले, किसान व शोधार्थी के पिर्ता
Created On :   22 Jan 2019 9:01 AM GMT