किसान की आत्महत्याओं पर प्रशासन की लीपा-पोती

Farmers suicide case of MP, administration is not serious in this matter
किसान की आत्महत्याओं पर प्रशासन की लीपा-पोती
किसान की आत्महत्याओं पर प्रशासन की लीपा-पोती

दैनिक भास्कर न्यूज डेस्क, परासिया. कर्ज के बोझ तले दबे किसान की आत्महत्या को लेकर प्रशासन लीपा-पोती करने लगा है. जिले के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ के ग्राम कचनार पंहुचने के बाद एसडीएम और तहसीलदार रात लगभग 9 बजे कचराम पंहुचे. इसके बाद महज एक घंटे में तहसीलदार ने जांच प्रतिवेदन में किसान को मानसिक विक्षिप्त बताते हुए आत्महत्या को पारिवारिक विवाद के कारण अंजाम देने की बात कही और प्रतिवेदन एसडीएम को सौंप दिया.

यही प्रतिवेदन रात 13.30 बजे मीडिया तक भी पंहुचा दिया गया. उमरेठ के कचराम में किसान श्याम कुमार यदुवंशी ने 20 जून को कीटनाशक का सेवन किया और 21 जून को उसकी मौत हो गई. कर्ज से परेशान किसान की मौत पर पूर्व केंद्रीय मंत्री व जिले के सांसद कमलनाथ ने कचराम पंहुचकर किसान का पूरा कर्ज खुद अदा करने की बात कही और प्रदेश सरकार को उसकी मौत का जिम्मेदार ठहराया.

कमलनाथ के पंहुचने से मचे बवाल के बाद रात लगभग 9.30 बजे एसडीएम सुनिता खंडायत, तहसीलदार उमरेठ, डीएसपी सुरेश दामले व टीआई उमरेठ एसएल सूरजा कचराम पंहुचे. अधिकारियों ने किसान के परिवार से बात तो की लेकिन महज एक घंटे बाद ही तहसीलदार का प्रतिवेदन मिडिया के सामने आया जिसमें तहसीलदार ने किसान को मानसिक रूप से विक्षिप्त बताते हुए उसके द्वारा की गई आत्महत्या का कारण पारिवारिक विवाद बताया है

बयान लिए नही और तैयार कर दी जांच रिपोर्ट

गांव घूमकर आने के बाद जारी की गई जांच रिपोर्ट में तहसीलदार ने किसी भी ग्रामीण के बयान दर्ज नही किए हैं. यहां तक की मृतक किसान के परिजनों के बयान भी दर्ज नही किए गए है और जांच प्रतिवेदन तैयार कर दिया गया है. तहसीलदार ने इस बात का कारण अपनी रिपोर्ट में यह लिखा है कि ग्रामीण लिखित में कोई बयान देने को राजी नही हैं.

मृतक किसान के परिजनों से मिले पूर्व विधायक

गुरुवार को पूर्व विधायक तारांचद बावरिया ने पीढि़त परिवार से मुलाकात की और शासन से हर संभव मदद दिलाने का आश्वासन दिया है. गुरुवार को पूर्व विधायक तारांचद बावरिया, जिला पंचायत सदस्य अनीता अहके, जनपद सदस्य कैलाश सोनी सहित चंदन धुर्वे, मुकेश सूर्यवंशी, राजमकुमार यदुवंशी, बलदेव पवार, राजेश सराठी व अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे. बावरिया ने पीढि़त परिवार को शासन से हर संभव मदद उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है.

परासिया विधायक सोहन वाल्मिक ने कहा कि तहसीलदार ने किसान की मौत का जो कारण बताया है, वह गलत है. शासन के दबाव में प्रशासन कर्ज में दबे किसान की मौत का मामला दबाने का प्रयास कर रहा है. इस मामले में 26 जून को उमरेठ में शोक सभा के दौरान तहसीलदार का विरोध किया जाएगा और गलत रिपोर्ट पर जवाब मांगा जाएगा.

उमरेठ तहसीलदार मीना दशरिया ने कहा कि किसान की मौत के मामले में जो जांच प्रतिवेदन मैने एसडीएम को प्रस्तुत किया है वह प्रतिवेदन हल्का पटवारी की जांच रिपोर्ट के आधार पर दिया गया है मैने स्थल जांच नही की है. पटवारी ने ही मुझे यह भी बताया की गांव में कोई भी लिखित बयान देने के लिए राजी नही है.

Created On :   23 Jun 2017 3:43 PM GMT

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