खतौनी के लिए भटक रहे किसान - नई कियोस्क मशीनें पड़ी हैं कबाड़ में

Farmers wandering for Khatauni - new kiosk machines are lying in junk
खतौनी के लिए भटक रहे किसान - नई कियोस्क मशीनें पड़ी हैं कबाड़ में
खतौनी के लिए भटक रहे किसान - नई कियोस्क मशीनें पड़ी हैं कबाड़ में

डिजिटल डेस्क डिंडौरी । जन शिकायतों के निस्तारण व खतौनी की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए जिले में 7 कियोस्क मशीनें आई थीं जो अब शोपीस साबित हो रही है। इन मशीनों के खराब हो जाने से वादकारियों व जरूरतमंदों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिले के कृषि विभाग सहित सातों विकासखंड के विविध कार्यालयों में जनवरी 2018 से कियोस्क मशीन स्थापित होना थी। इसके जरिए किसान नि:शुल्क खतौनी की जानकारी हासिल कर सकते हैं। साथ ही बीपीएल सूची जन सेवा केंद्रों व तहसील दिवसों में आई शिकायतों का विवरण और उनके निस्तारण की जानकारी भी इन मशीनों के जरिए उपलब्ध कराई जानी थी।

इस बारे में लोगों का कहना है कि जनता के हित के लिए लगाई गई कियोस्क मशीन अधिकारियों की उपेक्षा के चलते बेमतलब साबित हो रही है। वर्तमान में जिले के लिए लाई गई सभी सातों मशीनें सिर्फ शोपीस बनकर रह गई है जिनपर अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया गया। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि जन साधारण को लाभ पहुंचाने के लिए मशीन को खुले स्थान पर लगाया जाना चाहिए था। लेकिन इन मशीनों के बारे में ही लोगों को कोई जानकारी ही नहीं है। कहा जा रहा है कि मशीनों का ठीक प्रकार से संचालन भी जिला प्रशासन की ओर से सुनिश्चित कराया जाए। उधर कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कियोस्क मशीन की गड़बड़ी को जल्द ठीक कराकर इसका लाभ जनता को दिलाया जाएगा। 

नहीं मिला है प्रशिक्षण 
जिले के लिए कियोस्क मशीन तो भेजी जा चुकी हैं लेकिन इन मशीनों का संचालन कैसे होगा इसकी जानकारी ना तो किसी विभाग के पास है ना ही कोई तकनीकी अधिकारी इसका प्रशिक्षण देने के लिए यहां आया है। इस मामले में विभागीय अधिकारियों का कहना है कि बिना प्रशिक्षण के इन मशीनों को प्रारंभ भी नहीं किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में वर्तमान में जिला मुख्यालय सहित सभी विकासखंडों में रखी कियोस्क मशीनें धूल खा रही हैं और जब तक इन मशीनों का प्रशिक्षण उन्हें नहीं मिल जाता तब तक उसका संचालन हो पाना भी संभव नहीं है। 

क्या है तकनीकी खराबी 
जिले में आई सातों कियोस्क मशीन वर्तमान में धूल खा रही हैं। जहां अधिकारियों ने यह कहकर कन्नी काट ली है कि मशीन में तकनीकी खराबी आई है, लेकिन इस मामले में अधिकारी भी यह नहीं बता पा रहे कि तकनीकी खराबी क्या है। बहरहाल उनका कहना है कि तकनीकि खराबी संबंधी मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी गई है और मशीनों को सुधारने के लिए जल्द ही तकनीशियन की टीम जिले में पहुंचेगी। 

इनका कहना है  
जिले के सभी विकासखंडों के लिए  7 कियोस्क  मशीन यहां पहुंची थी लेकिन इन मशीनों में तकनीकी खराबी आने के कारण यह मशीनें बंद पड़ी हुई हैं। वही स्थानीय स्तर पर इन मशीनों का प्रशिक्षण भी नहीं दिया गया है जिसके कारण मशीनों के संचालन की जानकारी भी विभागीय कर्मचारियों को नहीं हैं। 
एसके धगट, डीडीए कृषि विभाग डिण्डौरी

 

Created On :   20 April 2018 12:00 PM GMT

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