30 नवंबर को दिल्ली में हुंकार भरेंगे किसान, राहुल-पवार सहित दिग्गज होंगे शामिल

Farmers will again organised in Delhi, Rahul, Pawar will be addressed
30 नवंबर को दिल्ली में हुंकार भरेंगे किसान, राहुल-पवार सहित दिग्गज होंगे शामिल
30 नवंबर को दिल्ली में हुंकार भरेंगे किसान, राहुल-पवार सहित दिग्गज होंगे शामिल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भाजपा सरकार को खेती और किसानों में कोई रुचि नहीं है इसीलिए किसानों और मजदूरों के हित के फैसले नहीं लिए जाते। पिछले चार सालों में देश गलत लोगों के हाथों में चला गया है, इसलिए किसान बर्बाद हो गए हैं, इसलिए अब विचार करने का समय आ गया है सभी विपक्षी एकजुट रहे तो सत्ता परिवर्तन किया जा सकता है। सत्ताधारियों की झुकाने की ताकत सिर्फ किसानों में है। पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री और NCP प्रमुख शरद पवार ने यह बात कही।सोमवार को अखिल भारतीय किसान सभा की महाराष्ट्र शाखा की ओर से यशवंतराव चव्हाण सेंटर में किसान अधिकार परिषद का आयोजन किया गया था। इस मौके पर पवार ने कहा कि जो लोग जातिवाद के खिलाफ हैं, सभी को राष्ट्रीय आपदा मानते हुए एकजुट होना होगा और समय रहते रास्ते पर उतरकर जातिवादी ताकतों को सत्ता से हटाना होगा।

एक खास विचारधारा से जुड़े लोगों ने महाराष्ट्र में जो आग लगाई है उसे देशभर में फैलने से रोकना होगा। पवार ने कहा कि देश के 62 फीसदी लोग खेती पर आश्रित हैं उनमें से 81 फीसदी के पास खेती के लिए दो हेक्टेयर से भी कम जमीन है। उसमें से भी 60 फीसदी खेतों में पानी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। प्रकृति साथ न दे तो किसानों को सूखे का सामना करना पड़ता है। महाराष्ट्र के किसान पीने के पानी, काम, जानवरों के चारे के संकट से जूझ रहे हैं। राज्य ने पहले भी इस तरह के सूखे का सामना किया है लेकिन मौजूदा सरकार को किसानों में जरा भी रुचि नहीं है। खेतिहर मजदूरों की हालत और खराब है। पेट की आग बुझाने के लिए किसान मुंबई जैसे शहरों का रुख कर रहे हैं। लेकिन सरकार के पास कोई योजना नहीं दिख रही। कृषि उपज का निर्यात 22 फीसदी घट गया है और आयात 65 फीसदी बढ़ा है।

सूखा को छोड़कर मंदिर की चर्चा चल रही है। समाज को बांटने की कोशिश हो रही है। पूर्व सांसद हन्नन मोल्ला ने इस मौके पर कहा कि मोदी सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है। इसलिए किसान नाराज हैं। आगामी चुनाव में किसान ही प्रचार का मुद्दा होंगे। आगामी 29, 30 नवंबर को नई दिल्ली में किसानों का लांग मार्च निकाला जाएगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने कहा कि मौजूदा सरकार किसान, मेहनतकश और बेरोजगार लोगों की नहीं है। सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ सभी को एकजुट होना होगा।  

उधर नई दिल्ली में मांगों को लेकर देश भर के किसान 30 नवंबर को एक बार फिर जुट रहे हैं। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के बैनर तले जुट रहे इन किसानों की मांग है कि कृषि उपज का सही दाम दिलाने और किसानों की पूर्ण कर्जमाफी के लिए सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाए। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के संयोजक वीएम सिंह का कहना है कि जब जीएसटी के लिए आधी रात में विशेष सत्र बुलाया जा सकता है तो फिर किसानों को लेकर क्यों नहीं बुलाया जा सकता।

किसान करेंगे संसद भवन तक मार्च

किसान खेत मजदूर कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को चिट्‌ठी लिखकर किसान के मसले पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, NCP सुप्रीमों शरद पवार, पूर्व केन्द्रीय मंत्री शरद यादव, माकपा महासचिव सीताराम आखिरी सत्र येचुरी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, अभिनेता कमल हासन, जदयू नेता के सी त्यागी सहित कई प्रमुख नेता आंदोलन में शामिल किसानों को संबोधित करेंगे। वीएम सिंह ने बताया कि 29 नवंबर को देश भर से पहुंचे किसान चार प्रमुख मार्गों से दिल्ली कूच करेंगे और 30 नवंबर को अपनी मांगों को लेकर संसद भवन तक मार्च करेंगे। उन्होने कहा कि इस आंदोलन में शामिल होने वाले विभिन्न दलों के नेताओं से आग्रह किया जाएगा कि वे चुनाव घोषणापत्र में किसानों से जुड़ी इन मांगों को शामिल करें।

महाराष्ट्र से तीन ट्रेनों में आएंगे किसान

30 नवंबर के किसान आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए महाराष्ट्र से हजारों किसानों के भाग लेने की संभावना है। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र से किसानों को दिल्ली लाने के लिए तीन ट्रेनें बुक कराई गई है। नाना पटोले के मुताबिक पश्चिम महाराष्ट्र, विदर्भ और मराठवाड़ा से एक-एक ट्रेन किसानों को लेकर दिल्ली आएगी। पश्चिम महाराष्ट्र से किसानों को लाने की व्यवस्था सांसद राजू शेट्‌टी कर रहे हैं। इसके साथ ही कर्नाटक से भी एक ट्रेन की बुकिंग हुई है।  
 

Created On :   12 Nov 2018 4:30 PM GMT

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