पुत्री की फर्जी नियुक्ति कराने वाले पिता को तीन वर्ष की सजा, अर्थदंड भी लगाया

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पुत्री की फर्जी नियुक्ति कराने वाले पिता को तीन वर्ष की सजा, अर्थदंड भी लगाया

डिजिटल डेस्क, शहडोल। स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में अपनी पुत्री की फर्जी नियुक्ति कराने वाले पिता को न्यायालय द्वारा तीन वर्ष के कठारे कारावास की सजा सुनाई गई है। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी द्वारा बुधवार को पारित निर्णय में जमुना प्रसाद पाण्डेय 65 वर्ष निवासी वार्ड नंबर 8 पाण्डवनगर शहडोल को भादवि की धारा 420, 467, 468, 471 के अधीन सभी धारा में 3-3 वर्ष का कठोर कारावास एवं 1-1 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया है।

यह था पूरा मामला
मीडिया सेल प्रभारी के अनुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी शहडोल द्वारा कोतवाली में रिपोर्ट प्रस्तुत की, कि जमुना प्रसाद पाण्डेय वर्ष 1999 में कार्यालय में स्थापना शाखा प्रभारी लिपिक के पद पदस्थ था। महिला बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रशिक्षण चयन प्रक्रिया से संबंधित रजिस्टर उनके अधीन ही रखा था। चयन प्रक्रिया रजिस्टर में जमुना प्रसाद की पुत्री का नाम अंकित है, हाईस्कूल के अंकसूची का प्रतिशत 64.61 लेख किया गया है और उसे चयनित भी किया गया है। इसी रजिस्टर में अन्य अभ्यिार्थी का नाम अंकित है, जिसे 404/650 अंक दर्शाया गया है, जिसका प्रतिशत 62.15 लेख किया गया है और जिसका चयन नहीं किया गया है। 404 पाने वाले का चयन न कर 321 अंक पाने वाले का कर लिया गया है। उपरोक्त सभी कार्य जमुना प्रसाद पाण्डेय के प्रभार में हुआ। प्रारंभिक जांच कार्यालय द्वारा करायी गई। प्रथम दृष्टया उसे दोषी पाए जाने से तत्काल निलंबित कर दिया। रिपोर्ट पर जमुना प्रसाद के विरूद्ध विवेचना पश्चात अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से नवीन कुमार वर्मा एडीओ द्वारा पैरवी की गई।

दहेज लोभी पूरे परिवार को हुई सजा
न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी द्वारा दहेज प्रताडऩा के मामले में पूरे परिवार को सजा सुनाई गई। न्यायालय द्वारा आरोपियों मो. जावेद 36 वर्ष, गफ्फार खान 55 वर्ष, मो. जब्बार 43, मो. आबिद 37, मो. इबरार 24 वर्ष, श्रीमती आमना बी 45, आमना बी 40, यासमीन 26, नूरी 28 वर्ष सभी निवासी हाउसिंग बोर्ड कालोनी शहडोल को भादवि की धारा 323 के अधीन न्यायालय उठने तक के लिए कारावास एवं 500-500 रुपये के अर्थरीदण्ड से दंडित किया गया। मीडिया सेल प्रभारी नवीन कुमार वर्मा एडीपीओ के अनुसार शादी के बाद पीडि़ता पर चार लाख रुपये की मांग व्यवसाय के लिए मांगे जा रहे थे। मना करने पर पति, जेठ, जेठानी व अन्य द्वारा मारपीट की जाती रही। अभियोजन की ओर से मुकेष कुमार कोल एडीपीओ द्वारा पैरवी की गई।

Created On :   30 May 2019 4:59 PM GMT

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