यमन में IS के चंगुल से छुड़ाए गए केरल के फादर टॉम
डिजिटल डेस्क, अदन। यमन में मार्च 2016 में किडनैप हुए 57 वर्षीय भारतीय पादरी फादर टॉम उझुन्नालिल को ओमान के विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद IS आतंकियों के चंगुल से छुड़ा लिया गया है। फादर टॉम को यमन के अदन में स्थित मदर टेरेसा के मिशनरीज ऑफ चैरिटी द्वारा संचालित एक वृद्धाश्रम से किडनैप किया गया था। भारतीय पादरी की रिहाई ओमान के सुल्तान कुबूस बिन अल सईद अल सईद के हस्तक्षेप के बाद संभव हुई है। फादर टॉम केरल में कोट्टायम जिले के रामापुरम के रहने वाले हैं।
उनकी रिहाई की खबर पाकर भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट किया, "यह बताते हुए खुशी हो रही है कि फादर टॉम उझुन्नालिल को आतंकियों के चंगुल से बचा लिया गया है।" उन्हें आतंकियों के चंगुल से छुड़ा कर मस्कट लाया गया, जहां से दोपहर को वह केरल के लिए रवाना हो गए। भारतीय विदेश मंत्रालय ने खुशी जताई कि फादर की रिहाई के लिए यमन और सऊदी अधिकारियों से लगातार संपर्क का अंतत: अच्छा नतीजा निकला।
उल्लेखनीय है कि फादर के अपहरण के बाद एक वीडियो सामने आया था, जिसमें फादर ने भारत सरकार और पोप फ्रांसिस से मदद की गुहार की थी। उस वीडियो में उन्होंने शिकायत की थी कि यदि वह यूरोपीय पादरी होते तो उनके अपहरण को ज्यादा गंभीरता से लिया गया होता और रिहाई के लिए विशेष प्रयास किए जाते। उन्होंने शिकायत की थी कि चूंकि वह भारतीय हैं, इसलिए उनके अपहरण को ज्यादा महत्व नहीं दिया गया।
केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने फादर की रिहाई पर खुशी जताई है। इससे पहले वह उनकी रिहाई के प्रयास तेज करने के लिए प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भी अाग्रह कर चुके हैं।
Created On :   12 Sep 2017 2:34 PM GMT