फादर्स डे 2018: क्यों जून के तीसरे संडे को मनाया जाता है फादर्स डे

फादर्स डे 2018: क्यों जून के तीसरे संडे को मनाया जाता है फादर्स डे

डिजिटल डेस्क । हम हर साल जून के तीसरे संडे को फादर्स डे मनाते हैं और पिता के प्रति प्रेम व्यक्त करते हैं। क्या कभी आपने सोचा है, कि दिन पिता के नाम क्यों किया गया? इसकी शुरुआत कैसे हुई? शायद कभी नहीं सोचा होगा और सोचा भी होगा तो यही निष्कर्ष निकाला होगा कि मदर्स डे सेलिब्रेट किया जाता है इसलिए एक दिन पिता के नाम कर दिया है, लेकिन ऐसा नहीं है। आज हम आपको बताते है कि पिता के नाम जून का तीसरा संडे क्यों किया गया है। माना जाता है कि फादर्स डे सर्वप्रथम 19 जून 1910 को वाशिंगटन में मनाया गया। साल 2018 में फादर्स-डे के 108 साल पूरे हो गए। इसके पीछे भी एक रोचक कहानी है- सोनेरा डोड की।

 

 

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सोनेरा डोड जब नन्ही सी थी, तभी उनकी मां का देहांत हो गया। पिता विलियम स्मार्ट ने सोनेरो के जीवन में मां की कमी नहीं महसूस होने दी और उसे मां का भी प्यार दिया। एक दिन यूं ही सोनेरा के दिल में ख्याल आया कि आखिर एक दिन पिता के नाम क्यों नहीं हो सकता? ....इस तरह 19 जून 1910 को पहली बार फादर्स डे मनाया गया।

 

 

1924 में अमेरिकी राष्ट्रपति कैल्विन कोली ने फादर्स डे पर अपनी सहमति दी। फिर 1966 में राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने जून के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाने की आधिकारिक घोषणा की।1972 में अमेरिका में फादर्स डे पर स्थाई अवकाश घोषित हुआ। फि‍लहाल पूरे विश्व में जून के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाया जाता है। भारत में भी धीरे-धीरे इसका प्रचार-प्रसार बढ़ता जा रहा है और हर बच्चा अपने पिता को इस दिन स्पेशल फील कराता है। गिफ्ट्स, मैसेज, ट्रीट, स्पेशल डीनर-लंच या फिर पूरा एक दिन उनके साथ बिता कर उन्हें ये एहसास कराया जाता है कि पिता की उनके जीवन में क्या वैल्यू है।

Created On :   12 Jun 2018 7:08 AM GMT

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