मार्क जुकरबर्ग से छिन सकती है चेयरमैन की कुर्सी, बड़े इनवेस्टर्स ने दिया पद से हटाने का प्रस्ताव
- कई अहम पब्लिक फंड कंपनियों ने दिया प्रस्ताव
- डाटा लीक को लेकर उठाए गए थे कई सवाल
- पद से हटाने का फैसला मई 2019 में होगा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Facebook के संस्थापक चेयरमैन मार्क जुकरबर्ग की मुसीबतें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। दरअसल उनको पद से हटाने की मुहिम ने अब जोर पकड़ लिया है। हाल ही में कंपनी में निवेश करने वाली कई अहम पब्लिक फंड कंपनियों ने Facebook के CEO जुकरबर्ग को चेयरमैन पद से हटाने की बात का समर्थन किया है।
बता दें कि जुकरबर्ग डाटा ब्रिच से लेकर प्राइवेसी तक के कई मामलों में घिरे रहे हैं। वहीं Facebook पर डाटा लीक को लेकर कई तरह के सवाल भी उठाए गए थे। जुकरबर्ग को अमेरिका में कमेटियों का सामना करना पड़ा था।
फैसला
एक रिपोर्ट के मुताबिक इलिनॉयस, रोड आइसलैंड और पेनिसिल्वेनिया के राज्य कोश्गारों के अलावा न्यूयॉर्क सिटी पेंशन फंड ने संयुक्त रूप से प्रस्ताव दिया है। इन सभी ने अपने प्रस्ताव के जरिए जून में जुकरबर्ग को हटाने का प्रस्ताव लाने वाली हेज फंड ट्रिलियम एसेट मैनेजमेंट का समर्थन करने की घोषणा की है। हालांकि पद से हटाने का फैसला मई 2019 में होगा।
समर्थकों का कहना
मार्क जुकरबर्ग को हटाने के प्रस्ताव में सामने आए समर्थकों का कहना है कि कुछ हाई प्रोफाइल स्कैंडल्स पर जुकरबर्ग ने सही तरह से काम नहीं किया। इस प्रस्ताव में साफ कहा गया है कि बोर्ड के अध्यक्ष के स्वतंत्र न रहने और निरीक्षण की कमी के चलते कैंब्रिज एनालिटिका डाटा लीक जैसे मामले पर फेसबुक ने सही से काम नहीं किया।
प्रतिक्रिया
फिलहाल Facebook की ओर से इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। वहीं स्ट्रिंगर ने इस मामले पर कहा, ""Facebook हमारे समाज और अर्थव्यवस्था में एक अहम भूमिका अदा करता हैं उनकी सामाजिक और आर्थिक जिम्मेदारी है कि वह पारदर्शी बनें। हम यही मांग कर रहे हैं कि कंपनी का बोर्डरूम स्वतंत्र और जिम्मेदार हो।""
Created On :   18 Oct 2018 8:07 AM GMT