महिला बाल विकास का लिपिक रिश्वत लेते पकड़ाया, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से मांगे थे पैसे

Female Child Development Clerk caught while taking Bribe
महिला बाल विकास का लिपिक रिश्वत लेते पकड़ाया, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से मांगे थे पैसे
महिला बाल विकास का लिपिक रिश्वत लेते पकड़ाया, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से मांगे थे पैसे

डिजिटल डेस्क रीवा। लोकायुक्त पुलिस ने महिला एवं बाल विकास विभाग के सिरमौर परियोजना में पदस्थ लिपिक को 2000 रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। लिपिक ने बिल पास करने सहित अन्य भुगतान के लिए साढ़े चार हजार रूपए महीना की रिश्वत मांगी थी, जिसमें से उसे पहले 2500 रूपए मिल चुके थे। लोकायुक्त पुलिस ने यह कार्यवाही शनिवार शाम पौने पांच बजे सिरमौर चौराहा पर की। बताया गया है कि ग्राम बरौं निवासी महेन्द्र कुमार तिवारी की बहू की दो आंगनबाड़ी केन्द्र गांव में चलते हैं, इसके अलावा गांव में पांच अन्य आंगनबाड़ी केन्द्र हैं।

सिरमौर परियोजना कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड तीन राजकुमार वर्मा ने महेन्द्र कुमार तिवारी से न सिर्फ उसकी बहू के दो केन्द्र बल्कि गांव में संचालित पांच अन्य केन्द्रों से भी पैसे वसूल कर देने को कहा था। लिपिक राजकुमार ने महीने में साढ़े चार हजार रूपए की मांग की थी, जिसमें से महेन्द्र तिवारी ने सभी केन्द्रों से वसूलकर 2500 रूपए उसे दे दिए थे। जो दो हजार रूपए बचे थे उसे लेने आरोपी राजकुमार वर्मा द्वारा पिछले कई दिनों से महेन्द्र तिवारी पर दबाव बनाया जा रहा था। जिस पर शुक्रवार को शिकायतकर्ता ने लोकायुक्त पुलिस के पास इस आशय की शिकायत दर्ज कराई। लोकायुक्त ने इस शिकायत की तस्दीक की। जिसमें यह शिकायत सही पाई गई।

आरोपी लिपिक ने 2000 रूपए लेने शिकायतकर्ता महेन्द्र तिवारी से शनिवार को जैसे ही दो हजार रूपए दिए, समीप में खड़ी लोकायुक्त पुलिस ने उसे रंगेहाथ पकड़ लिया। आरोपी के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के अंतर्गत 13 (1)(डी) और 13 (2) के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है। यह कार्यवाही लोकायुक्त निरीक्षक विद्यावारिधि तिवारी के नेतृत्व में की गई। जिसमें वरिष्ठ निरीक्षक अरविंद तिवारी, विपिन त्रिवेदी, विवेक पाण्डेय, शैलेन्द्र मिश्रा, मुकेश मिश्रा, उमाकांत, मनोज मिश्रा सहित अन्य मौजूद रहे। 

किस-किस तरह मांगे रूपए 
लोकायुक्त से जुड़े सूत्रों की माने तो आरोपी लिपिक ने महेन्द्र तिवारी से पांच सौ रूपए प्रति आंगनबाड़ी की दर से महीना बांधने की मांग की थी। इसके अलावा किराये पर चल रहे आंगनबाड़ी केन्द्रों से हर केन्द्र के हिसाब से 100-100 रूपए भी मांगे थे। इतना ही नहीं खाना बनाने के लिए रसोइयों को जो 500 रूपए महीना मिलता है, उसमें से भी प्रति रसोइयां के हिसाब से आरोपी ने 50 रूपए की मांग की थी। 

Created On :   6 May 2018 8:43 AM GMT

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