डॉ पायल आत्महत्या मामले में आरोप पत्र दायर, तीनों डाक्टरों पर खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप

Filed charge sheet in Dr Payals suicide case against accused
डॉ पायल आत्महत्या मामले में आरोप पत्र दायर, तीनों डाक्टरों पर खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप
डॉ पायल आत्महत्या मामले में आरोप पत्र दायर, तीनों डाक्टरों पर खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप

डिजिटल डेस्क, मुंबई। डॉ पायल तडवी आत्महत्या मामले में मुंबई पुलिस की आपराध शाखा ने आरोपपत्र दायर कर दिया है। 1203 पन्नों के आरोपपत्र में तडवी के सुसाइड नोट को भी शामिल किया गया है जिसे बाद में पुलिस ने मोबाइल फोन से हासिल किया था। मंगलवार को सत्र न्यायालय में डॉ भक्ति मेहरे, डॉ हेमा अहूजा और डॉ अंकिता खंडेलवाल के खिलाफ यह आरोपपत्र दाखिल किया गया है। आरोपपत्र में पुलिस ने दावा किया है कि तीनों आरोपी महिला डॉक्टरों ने जाति सूचक टिप्पणियों के जरिए तड़वी को प्रताड़ित किया और उसे आत्महत्या के लिए मजबूर किया। तीनों पर सबूत मिटाने का भी आरोप है। पुलिस ने आरोपपत्र में 180 गवाहों के बयान भी शामिल किए हैं। आरोपपत्र में तडवी की सहपाठियों, स्टाफ के दूसरे सदस्यों और अस्पताल के वरिष्ठ सदस्यों के बयान हैं। पायल की दोस्त स्नेहल ने अपने बयान में बताया है कि किस तरह आरोपी डॉक्टर भील जाति का होने के चलते तडवी को अपमानित करतीं थीं। इसके अलावा पुलिस ने तडवी के तीन पन्नों के सुसाइड नोट को भी आरोपपत्र का हिस्सा बनाया है जिसमें विस्तार से लिखा गया है कि तीनों आरोपी सीनियर उसे किस तरह प्रताड़ित और अपमानित करतीं थीं। सुसाइड नोट में तडवी ने लिखा है कि वह कुछ महीनों के लिए डॉ मेहरे के कमरे में रही थी। तभी से उसे परेशान करना शुरू कर दिया गया था। साथ ही डॉ अहूजा के बारे में उसने लिखा है कि वह उसके बगल के जिले की रहने वाली है और उसे उसकी जाति और विवाहित होने के बारे में जानकारी थी और इन जानकारियों का उसके खिलाफ इस्तेमाल किया गया। आत्महत्या वाले दिन भी पायल को सभी के सामने अपमानित किया गया था उसे आखिरी बार डॉ अहूजा ने फोन किया था। 

पुलिस के पास सीसीटीवी फुटेज

पुलिस के पास सीसीटीवी तस्वीरें भी हैं जिसमें तडवी द्वारा आत्महत्या की कोशिश के बाद गंभीर हालत में उसे अस्पताल ले जाने के बाद तीनों आरोपी डॉक्टर उसके कमरे में जाते नजर आ रहीं हैं। बता दें कि नायर अस्पताल में पढ़ाई कर रहीं डॉ पायल तड़वी ने इसी साल 22 मई को आत्महत्या कर ली थी। उनके परिवार वालों ने शिकायत की थी कि तीनों आरोपी महिला डॉक्टर उस पर जातिगत टिप्पणियां करतीं थीं और सार्वजनिक रूप से अपमानित करतीं थीं। पुलिस ने मामले में दलित उत्पीड़न विरोधी कानून, रैगिंग विरोधी कानून, आईटी एक्ट और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की थी। तीनों आरोपी डॉक्टरों को गिरफ्तार कर लिया गया था। 

गुरुवार को आरोपी डाक्टरों की जमानत याचिका सुनवाई 

नायर अस्पताल की डाक्टर पायल तडवी की आत्महत्या मामले में आरोपी तीनों डाक्टरों की जमानत अर्जी पर बांबे हाईकोर्ट में गुरुवार को सुनवाई होगी। मंगलवार को विशेष सरकारी वकील राजा ठाकरे ने कहा कि पुलिस ने मामले की जांच पूरी कर ली है। इसके बाद हाईकोर्ट ने कहा कि आरोपी डाक्टरों की जमानत अर्जी पर गुरुवार को सुनवाई होगी। इस पर आरोपी डाक्टरों के वकील अबाद पोंडा ने कहा कि यदि मामले की जांच पूरी हो गई हो तो उन्हें अब जेल में न रखा जाए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति डीएस नायडू ने मामले की सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले न्यायमूर्ति नायडू ने कहा कि किसी आरोपी को जमानत देते समय तीन चीजों पर विचार किया जाता है, पहले जमानत मिलने के बाद आरोपी कही फरार तो नहीं हो जाएगा, दूसरा सबूतों से छेड़छाड तो नहीं करेगा और तीसरा जमानत मिलने के बाद अारोपी समाज को नुकसान तो नहीं पहुंचाएगा। 22 मई 2019 को नायर अस्पताल के छात्रावास में डाक्टर तडवी ने आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद पुलिस ने इस मामले में डा.हेमा अहूजा, डा भक्ति मेहरे व डा अंकिता खंडेलवाल को आरोपी बनाया है। इन तीनोें डाक्टरों पर डाक्टर तडवी को आत्महत्या के लिए उकसाने, रैगिंग व उस पर जातिगत टिप्पणी मारने का आरोप है। 
 

Created On :   23 July 2019 1:40 PM GMT

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