छात्रा के साथ छेड़छाड़ के दोषी पाए गए शिक्षक को पेंशन न देना सही : हाईकोर्ट

fine decision to not give pension to harassment accused teacher
छात्रा के साथ छेड़छाड़ के दोषी पाए गए शिक्षक को पेंशन न देना सही : हाईकोर्ट
छात्रा के साथ छेड़छाड़ के दोषी पाए गए शिक्षक को पेंशन न देना सही : हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कालेज की छात्रा के साथ छेड़छाड के मामले में दोषी पाए गए पीटी शिक्षक को बांबे हाईकोर्ट ने पेंशन का लाभ देने से इंकार कर दिया है। छात्रा की शिकायत के बाद कालेज प्रबंधन ने अनुशासनात्मक कमेटी गठित की थी और कमेटी ने शिक्षक द्वारा छात्रा के साथ की गई हरकत को गंभीर मानते हुए उसे छेड़छाड के लिए दोषी माना था। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कालेज प्रबंधन ने शिक्षक शशिकांत कुलकर्णी को नौकरी से बर्खास्त कर दिया था। इसके साथ ही उसे पेंशन से जुड़ा लाभ देने से भी इंकार कर दिया था। 

कालेज प्रबंधन के इस रुख के खिलाफ कुलकर्णी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ के सामने इस याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान कुलकर्णी के वकील ने दावा किया कि पेंशन उसका अधिकार है। इसे सरकार व कालेज प्रबंधन नहीं रोक सकते। इसके अलावा कोर्ट ने मुझे छेड़छाड के मामले से बरी कर दिया है। इसलिए मुझे सेवानिवृत्ति से जुड़े लाभ प्रदान करने का निर्देश दिया जाए।

वहीं कालेज प्रबंधन के वकील ने दावा किया महाराष्ट्र सिविल सर्विस नियम के अनुसार पेंशन से जुड़ा लाभ पाने के लिए कर्मचारी की 20 साल सेवा होनी चाहिए। याचिकाकर्ता ने सिर्फ पांच साल तक सेवा दी है और 14 साल वह निलंबित रहा है। इसके अलावा याचिकाकर्ता ने पहले बर्खास्तगी के आदेश को कालेज ट्रिब्यूनल व हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। दोनों जगह उसकी याचिका को खारिज कर दिया गया है। नियमानुसार याचिकाकर्ता पेंशन व सेवा से जुड़े दूसरे लाभ पाने का हकदार नहीं है। 

मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता का कृत्य नैतिक रुप से उचित नहीं है। इसके अलावा नियमों के हिसाब से याचिकाकर्ता पेंशन पाने का हकदार नहीं है। खंडपीठ ने कहा कि हमे याचिकाकर्ता को लेकर कालेज प्रबंधन द्वारा लिए गए फैसले में हस्तक्षेप करने की कोई जरुरत महसूस नहीं होती। इसलिए याचिका को खारिज किया जाता है।
 

Created On :   14 Feb 2019 6:18 PM GMT

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