बायोमीट्रिक में नहीं मिले उंगलियों के निशान , हाईकोर्ट से भी नहीं मिली राहत

Fingerprints not found in biometric, not even relief from high court
बायोमीट्रिक में नहीं मिले उंगलियों के निशान , हाईकोर्ट से भी नहीं मिली राहत
बायोमीट्रिक में नहीं मिले उंगलियों के निशान , हाईकोर्ट से भी नहीं मिली राहत

डिजिटल डेस्क,मुंबई । बायोमीट्रिक में हाथ की उंगलियों के निशान का मिलान न होने के चलते नौकरी से वंचित किए गए युवक को बॉम्बे हाईकोर्ट ने राहत देने से इंकार कर दिया है। इससे पहले हाईकोर्ट ने इस मामले में  हाईकोर्ट ने रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआई) को नोटिस जारी किया था। पुणे निवासी अक्षय सपकाल ने अपनी याचिका में दावा किया था कि उसने आरबीआई में सहायक पद के लिए आवेदन किया था। इसके लिए पहले आनलाइन परीक्षा ली गई थी। ऑनलाइन परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद लिखित परीक्षा के लिए बुलाया गया था।

लिखित परीक्षा लेते समय मेरी उंगलियों के निशान लिए गए थे। कुछ समय बाद लिखित परीक्षा के परिणाम भी घोषित किए गए।  पद के लिए जरूरी परीक्षा पास करने के बाद मुझे नौकरी के लिए बुलाया गया लेकिन उस समय मेरी उंगलियों के निशान बायोमीट्रिक से मेल नहीं खाए इसलिए मुझे नियुक्ति नहीं प्रदान की गई।  याचिका में सपकाल ने कहा था कि वह हाइपरहाइड्रोसिस से पीड़ित है। डाक्टरों की राय के मुताबिक इस बीमारी में उंगलियों के निशान बदलने की संभावना है। 

मंगलवार को यह याचिका न्यायमूर्ति अकिल कुरेशी व न्यायमूर्ति एसजे काथावाला की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान आरबीआई की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने खंडपीठ के सामने कहा कि नौकरी के संबंध में दिए गए विज्ञापन में साफ किया गया था कि यदि किसी को बायोमेट्रिक को लेकर परेशानी है तो वह इसकी अग्रिम जानकारी लिखित रुप से दे। लेकिन याचिकाकर्ता ने हमे ऐसी कोई जानकारी नहीं दी थी। जबकि याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि आरबीआई को मेरे मुवक्किल ने अपनी समस्या को लेकर मौखिक जानकारी दी थी। याचिकाकर्ता के वकील की इस दलील को अस्वीकार करते हुए खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को राहत देने से इंकार कर दिया। 

मेट्रो कारशेड के लिए पेड़ काटने पर 30 सितंबर तक रोक

बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि आरे में मेट्रो के कार शेड के लिए 30 सितंबर तक कोई पेड़ न काटे जाए। मुंबई महानगरपालिका ने कारशेड के लिए 26 सौ वृक्षों को काटने की मंजूरी प्रदान की है। जिसके खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता जोरु भतेना ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नांदराजोग व न्यायमूर्ति भारती डागरे की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने पेड को काटने पर रोक लगाने का आग्रह किया। इसके बाद खंडपीठ ने कहा कि 30 सितंबर तक मेट्रो कारशेड के लिए एक भी पेड़ न काटे जाए। खंडपीठ के सामने अभी इस मामले की सुनवाई चल रही है। 

Created On :   17 Sep 2019 2:20 PM GMT

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