जिग्नेश मेवाणी और उमर खालिद पर पुलिस ने दर्ज की FIR

FIR against Jignesh Mevani, Umar Khalid in Koregaon-Bhima clashes
जिग्नेश मेवाणी और उमर खालिद पर पुलिस ने दर्ज की FIR
जिग्नेश मेवाणी और उमर खालिद पर पुलिस ने दर्ज की FIR

डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। पुणे के महा कोरेगांव भीमा इलाके में दो गुटों के बीच संघर्ष के बाद माहौल तनावपूर्ण है। गुजरात के दलित नेता जिग्नेश मेवाणी पर हिंसा भड़काने के आरोपों के बाद उन पर पुणे में FIR दर्ज की गई है।  जिग्नेश मेवाणी और छात्र नेता उमर खालिद पर सेक्शन 153(A), 505, 117 के तहत FIR दर्ज हुई है। इसके अलावा मुंबई पुलिस ने कुल 25 लोगों पर FIR दर्ज की है। वहीं 300 लोगों को हिरासत में लिया गया है। वहीं मुंबई पुलिस ने दलित नेता जिग्नेश मेवानी और छात्र नेता उमर खालिद के कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति नहीं दी है। ये दोनों नेता बतौर वक्ता छात्र भारती के कार्यक्रम में शामिल होने वाले थे।

 

पुलिस को मिली थी शिकायत

पुलिस का कहना है कि जिग्नेश मेवाणी और उमर खालिद के खिलाफ 31 दिसंबर को यहां एक कार्यक्रम में भड़काऊ भाषण देने को लेकर एक शिकायत मिली थी जिसके बाद  विश्रामबाग पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया। अक्षय बिक्कड़ और आनंद धोंड ने ये शिकायत की थी। आपको बता दें कि मेवाणी और खालिद ने ‘एल्गार परिषद’ में हिस्सा लिया था, जिसका वाडा में 31 दिसंबर को भीमा-कोरेगांव की लड़ाई के 200 साल पूरे होने के मौके पर किया गया था।

 

इस भाषण पर विवाद

मेवाणी ने कथित तौर पर कहा था, "नव पेशवा के सामने अगर हमें जीतना है, भीमा कोरेगांव के इस लड़ाई को आगे लेके जाना है, उस संघर्ष को आगे ले जाना है, उस संघर्ष से अगर प्रेरित होना है, ये चुनावी राजनीति से नहीं होगा। मैं मानता हूं कि जनता की लड़ाई लड़ने वाले कुछ लोग,  गुजरात की और महाराष्ट्र की असेंबली में होने चाहिए। इस देश की पार्लियामेंट में भी होने चाहिए। लेकिन जाति उन्मूलन तो सड़कों की लड़ाई से होगा। एक वर्ग का दूसरे वर्ग पे, जो शासन है, वो सड़कों की लड़ाई से खत्म होगा।"

 

वहीं खालिद ने कथित तौर पर कहा, "भीमा कोरेगांव की इस लड़ाई को आनेवाला कल बना सकते हैं। उन्होंने हमला किया, पलटवार की बारी है। लड़ाई को लड़ेंगे और यह लड़ाई जीतना है, उन शहीदों को श्रद्धांजलि रहेगी। और नव पेशवा का खात्मा ही भीमा कोरेगांव के शहीदों को श्रद्धांजिल रहेगी।"

 

ऐसे भड़की हिंसा

1 जनवरी को भीमा कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं वर्षगांठ मनाने 5 लाख से ज्यादा लोग जुटे थे। हर साल एक जनवरी जयस्तंभ तक मार्च किया जाता हैं। इसी दौरान हुए विवाद के बाद दो गुट आमने-सामने हो गए। संघर्ष के दौरान एक युवक की मौत हो गई थी। पुलिस के अनुसार राहुल फटांगले नामक युवक की मौत हुई थी। जबकि तीन बुरी तरह घायल हो गए थे। पुलिस ने दोनों गुटों के खिलाफ शिक्रापुर पुलिस थाने में मामला दर्ज किया था। इस घटना के बाद महाराष्ट्र बंद का आहवान किया गया था। बुधवार को दलित संगठनों ने महाराष्ट्र बंद बुलाया था। जो एक तरह से सफल साबित हुआ था, बुधवार को महाराष्ट्र में कई जगह हिंसा हुई, बसों को जलाया गया, धरना प्रदर्शन भी हुए थे। महाराष्ट्र के साथ-साथ गुजरात में भी कई जगह इसका असर देखने को मिला था और हिंसक घटनाओं की खबरे आई थी। राजकोट के धोराजी में कुछ अज्ञात लोगों ने सरकारी बस को आग के हवाले कर दिया था। वापी में भी दलित सेना ने हाइवे जाम किया था।

 

Created On :   4 Jan 2018 6:56 AM GMT

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