श्रीलंका में राजनीतिक संकट, पूर्व मंत्री के गार्ड ने की फायरिंग, 1 की मौत

Firing by former minister Arjuna security officer in Ceypecto House, 1 Killed 2 injured
श्रीलंका में राजनीतिक संकट, पूर्व मंत्री के गार्ड ने की फायरिंग, 1 की मौत
श्रीलंका में राजनीतिक संकट, पूर्व मंत्री के गार्ड ने की फायरिंग, 1 की मौत
हाईलाइट
  • पूर्व मंत्री अर्जुन रणतुंगा के बॉडीगार्ड ने भीड़ पर गोलियां चला दी जिसमें 1 की मौत हो गई जबकि 2 लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की खबर है।
  • रविवार को कई हिंसक घटनाएं श्रीलंका में देखी गई।
  • श्रीलंका में इन दिनों सियासी उथल-पुथल मची हुई है।

डिजिटल डेस्क, कोलंबो। श्रीलंका में इन दिनों सियासी उथल-पुथल मची हुई है। राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को बर्खास्त कर पूर्व राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे को पीएम पद की शपथ दिलाई थी। अब संसद के स्पीकर कारु जयसूर्या ने दोबारा विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री के तौर पर मान्यता दे दी है। इस बीच रविवार को कई हिंसक घटनाएं भी हुईं। एक घटना में पूर्व पेट्रोलियम मंत्री और क्रिकेटर रहे अर्जुन रणतुंगा के बॉडीगार्ड ने भीड़ पर गोलियां चला दी, जिसमें 1 व्यक्ति की मौत हो गई जबकि 2 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। SP रुवान गुनासेकरा ने बताया कि घटना के बाद गार्ड को अरेस्ट कर लिया गया। 

अर्जुन रणतुंगा, विक्रमसिंघे सरकार में पेट्रोलियम मंत्री थे। विक्रमसिंगे कैबिनेट को राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरीसेना ने शनिवार को बर्खास्त कर दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जब रणतुंगा स्टेट-रन सेयलॉन पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन के अपने ऑफिस में कुछ दस्तावेज लेने जा रहे थे, उसी वक्त ये घटना हुई। बताया जा रहा है कि स्टेट-रन सेयलॉन पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन के कर्मचारी अर्जुन रणतुंगा पर अवैध गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगा रहे थे और उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। जब रणतुंगा वहां पहुंचे तो प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और उन्हें घेर लिया। जिसके बाद रणतुंगा के बॉडीगार्ड ने फायरिंग कर दी। इस घटना में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई जबकि दो लोग घायल हो गए। घायलों को कोलंबो नेशनल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। दोनों कर्मचारियों की हालत गंभीर बताई जा रही है, उन्हें सिर और पेट में इंजूरी आई है।

बता दें कि रविवार को श्रीलंका की संसद के स्पीकर कारु जयसूर्या ने संकट में घिरे रानिल विक्रमसिंघे को बड़ी राहत देते हुए उन्हें देश के प्रधानमंत्री के तौर पर मान्यता दे दी। प्रेसिडेंट सिरीसेना को लिखे एक पत्र में जयसूर्या ने 16 नवंबर तक सदन को निलंबित करने के उनके फैसले पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि इससे देश को "गंभीर एवं अवांछनीय" परिणाम भुगतने पड़ेंगे। उन्होंने राष्ट्रपति से विक्रमसिंघे को सरकार के नेता के तौर पर मिले विशेषाधिकार फिर से बहाल करने को कहा। विक्रमसिंघे के बारे में उन्होंने कहा कि उन्होंने "लोकतंत्र एवं सुशासन कायम करने के लिए जनादेश हासिल किया है।" संसद के स्पीकर ने कहा कि संसद को निलंबित करने का फैसला स्पीकर के साथ विचार-विमर्श के बाद लिया जाना चाहिए।जयसूर्या ने कहा, "16 नवंबर तक संसद भंग रखने से हमारे देश को गंभीर एवं अवांछनीय परिणाम भुगतने होंगे और मैं आपसे विनम्र आग्रह करता हूं कि इस पर फिर से विचार करें।"

इससे पहले शुक्रवार को श्रीलंका में नाटकीय घटनाक्रम के बाद पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। राजपक्षे के शपथ ग्रहण समारोह में प्रेसिडेंट मैत्रिपाला सिरीसेना और और कई अन्य विपक्षी नेता मौजूद रहे थे। श्रीलंका की राजनीति में अचानक इस तरह का बदलाव इसलिए आया था क्योंकि सिरीसेना की पार्टी यूनाइटेड पीपल्स फ्रीडम (UPFA) ने पूर्व प्रधानमंत्री रणिल विक्रमेसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (UNP) के साथ गठबंधन तोड़ लिया है। विक्रमेसिंघे सरकार का गठन 2015 में हुआ था जब सिरीसेना के समर्थन के साथ वह प्रधानमंत्री बने थे। विक्रमेसिंघे के पीएम बनते ही महिंद्र राजपक्षे का लगभग एक दशक से चला आ रहा शासन समाप्त हुआ था। 

 

Created On :   28 Oct 2018 3:08 PM GMT

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