क्रू मेम्बर्स की लापरवाही से मुसीबत में फंसे विमान यात्रियों में पांच की अस्पताल से छुट्‌टी

Five passengers discharged from hospital, bleeding from nose and ears
क्रू मेम्बर्स की लापरवाही से मुसीबत में फंसे विमान यात्रियों में पांच की अस्पताल से छुट्‌टी
क्रू मेम्बर्स की लापरवाही से मुसीबत में फंसे विमान यात्रियों में पांच की अस्पताल से छुट्‌टी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। जेट की उड़ान के दौरान नाक और कान से खून बहने के चलते अस्पताल में भर्ती कराए गए पांच यात्रियों को डॉक्टरों ने छुट्टी दे दी। डॉक्टर के मुताबिक पांचों यात्री हल्का प्रवाहीय बहरापन झेल रहे हैं इसलिए उन्हें ठीक न होने तक हवाई यात्रा टालने की सलाह दी गई है। शुरूआती जांच में साफ हुआ है कि मुंबई-जयपुर जेट एयरवेज के विमान चालक दल के सदस्य विमान के अंदर वायु दाब बनाए रखने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला ब्लीड स्विच दबाना भूल गए थे। चालक दल के सभी सदस्यों को घटना के बाद हटा दिया गया है।

घटना के बाद अंवेशान रे, मुकेश शर्मा, विकास अग्रवाल, दामोदर दास और अंकुर काला नाम के यात्रियों को नाक और कान से खून बहने की शिकायत हुई थी। नानावटी अस्पताल में कान नाक गले (ईएनटी) के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने यात्रियों की जांच की। नानावटी अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेंद्र पाटणकर के मुताबिक पांच यात्रियों को बैरोट्रामा यानी हवा का दबाव कम होने के चलते चोट की शिकायत है। इसमें अगले 10 दिनों तक लोगों को कम सुनाई पड़ सकता है। फिलहाल उन्हें अस्पताल में दाखिल करने की जरूरत नहीं थी इसलिए सभी को घर जाने की इजाजत दे दी गई है। बाकी यात्रियों को मुंबई हवाई अड्डे पर ही प्राथमिक इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई थी।

नाक से खून बहने की शिकायत करने वाले यात्री अंकुर काला ने बताया कि चालक दल के सदस्य नौसिखिए की तरह बर्ताव कर रहे थे। घटना से किस तरह निपटना है, यह उन्हें नहीं पता था। उड़ान भरने के बाद ही एयर कंडीशन काम नहीं कर रहा था और अंदर यात्रियों का दम घुट रहा था। गहनों की कंपनी में काम करने वाले काला बैंकाक से मुंबई पहुंचे थे और यहां से जयपुर जा रहे थे। उन्होंने कहा कि उड़ान भरने के 15-20 मिनट बाद ही ऑक्सीजन मास्क खुल गया लेकिन इसका इस्तेमाल करना है या नहीं इस बारे में कोई सूचना नहीं दी गई।

चालक दल के सदस्य यात्रियों से ज्यादा घबराए लग रहे थे। अचानक हमें तार जलने की बदबू आने लगी। दबाव इतना बढ़ गया कि हम एक हाथ से कान दबाए हुए थे जबकि दूसरे हाथ से ऑक्सीजन मास्क संभाले हुए थे। पायलट या चालक दल के दूसरे सदस्य यह नहीं बता रहे थे कि असल में समस्या क्या है। मैंने मास्क हटाया तो देखा कि वह खून से भरा हुआ था। सहयात्री को मैंने इसकी जानकारी दी। उसने एयर होस्टेस को इशारे से बुलाया तो उसने जवाब दिया अपनी जगह पर बैठे रहिए सब ठीक है। विमान के उतरने के बाद भी चिकित्सक उपलब्ध नहीं थे। दो कंपाउंडरों ने लोगों के खून साफ किए। 

विमान में सवार 30 लोगों को इसी तरह की परेशानी हुई थी लेकिन उनमें से 20 को अगली उड़ान से जयपुर भेज दिया गया। काला के मुताबिक उन्होंने ठीक से इलाज के बिना दोबारा जयपुर न जाने की बात कही तो दो घंटे बाद उन्हें नानावटी अस्पताल ले जाया गया। मुंबई से जयपुर जा रही इस विमान में 166 यात्री और पांच चालक दल के सदस्य सवार थे। विमान ने सुबह 5.53 मिनट पर उड़ान भरी थी। 

जेट एयरवेज के प्रवक्ता के मुताबिक मुंबई से जयपुर के लिए उड़ान भरने के बाद बोइंग 737 विमान को वायुदाब की समस्या के चलते वापस मुंबई में उतारना पड़ा। पायलट को घटना की जांच तक ड्यूटी से हटा दिया गया है। विमान में सवार 166 यात्रियों में से 30 ने नाक कान से खून आने और सिरदर्द की शिकायत की थी। उड्डयन मंत्रालय ने पूरे मामले पर डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन से रिपोर्ट मांगी है।        

Created On :   20 Sep 2018 3:11 PM GMT

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