मप्र में बाढ़ से घिरे दंपत्ति ने पेड़ पर चढ़कर बचाई जान

Flooded couples survive on the tree in MP
मप्र में बाढ़ से घिरे दंपत्ति ने पेड़ पर चढ़कर बचाई जान
मप्र में बाढ़ से घिरे दंपत्ति ने पेड़ पर चढ़कर बचाई जान
हाईलाइट
  • शाजापुर जिले में बाढ़ के पानी से घिरे एक दंपत्ति द्वारा पेड़ पर चढ़कर जान बचाने की खबर सामने आई है
  • मध्य प्रदेश में पिछले दिनों हुई बारिश से नदी-नालों में आए उफान ने जन-जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है
भोपाल, 29 जुलाई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में पिछले दिनों हुई बारिश से नदी-नालों में आए उफान ने जन-जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। शाजापुर जिले में बाढ़ के पानी से घिरे एक दंपत्ति द्वारा पेड़ पर चढ़कर जान बचाने की खबर सामने आई है। वहीं राजगढ़ में अंतिम संस्कार करने के दौरान लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा है।

राज्य में बीते शुक्रवार से जारी बारिश से सीहोर की कुलांस नदी, राजगढ़ की नेवज, कालीसिंध व सूकड़ नदी के अलावा पार्वती आदि का जल स्तर काफी बढ़ गया है। शाजापुर के खोकराकला गांव में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। यहां तालाब की दीवार (पाल) टूटने से कई गांवों में पानी भर गया।

शाजापुर के जिलाधिकारी वीरेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को आईएएनएस को बताया, तालाब का एक हिस्सा टूट जाने से गांव में पानी भर गया। स्थानीय बचाव दल के साथ ही राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की भी मदद ली गई। सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया है।

उन्होंने आगे बताया, रईस खान अपनी पत्नी के साथ खेत में थे। इसी दौरान जलस्तर बढ़ गया और उन्हें पेड़ पर चढ़ना पड़ा। जलस्तर घटने के बाद राहत व बचाव दल की मदद से उन्हें वहां से सुरक्षित निकाला गया।

सूत्रों के अनुसार, बाढ़ का पानी बढ़ने पर रविवार को जहां लोगों ने ऊंचे मकानों की छतों पर शरण ली, तो वहीं दूसरी ओर रईस और उसकी पत्नी ने पेड़ पर चढ़कर अपनी जान बचाई। दोनों पेड़ पर पांच घंटे से अधिक समय तक बैठे रहे।

इसी तरह राजगढ़ जिले में भारी बारिश से मुक्तिधाम में पानी भर गया, जिससे एक किशोरी के अंतिम संस्कार में भारी दिक्कतें आईं।

सूत्रों के अनुसार, पड़ाना की एक किशोरी अनीता वर्मा को शनिवार को एक जहरीले जंतु ने काट लिया। उसे गंभीर हालत में इंदौर उपचार के लिए ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। रविवार को अंतिम संस्कार के लिए जब उसके शव को मुक्तिधाम ले जाया गया तो वहां घुटनों तक पानी भरा हुआ था। ऐसी स्थिति में अंतिम संस्कार स्थल तक पहुंचना ही मुश्किल हो गया।

स्थानीय लोगों के अनुसार, किसी तरह शव और अंतिम संस्कार की सामग्री को मुक्तिधाम के टीन शेड तक ले जाया गया, तब जाकर अंतिम संस्कार हो सका।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार, खंडवा, खरगोन और बुरहानपुर जिले में भारी बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। खरगोन जिले के झिरन्या क्षेत्र में लगातार बारिश हो रही है। इससे छोटे-बड़े नदी-नालों का जलस्तर काफी बढ़ गया है। खेतों में जलभराव की स्थिति बन गई है। खरगोन और खंडवा का राज्य के बाकी हिस्सों से संपर्क कट गया है।

--आईएएनएस

Created On :   29 July 2019 11:31 AM GMT

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