हाईकोर्ट के आदेश पर खाद्यान्न विभाग ने 10 लाख रुपए किए जमा

हाईकोर्ट के आदेश पर खाद्यान्न विभाग ने 10 लाख रुपए किए जमा
हाईकोर्ट के आदेश पर खाद्यान्न विभाग ने 10 लाख रुपए किए जमा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। हाईकोर्ट के आदेश पर खाद्यान्न विभाग ने दस लाख रुपए जमा कर दिए। कोर्ट ने निर्देश दिया था कि मिट्‌टी तेल केवल जरूरत मंदों को ही मिलना चाहिएय यद सुनिश्चित करें। राशन कार्डों की संख्या 5 लाख 60 हजार से अधिक और गैस कनेक्शनों की संख्या 8 लाख 51 हजार से ज्यादा है। गैस कनेक्शनों की संख्या राशन कार्डों की तुलना करीब 3 लाख ज्यादा होने के बावजूद  में हर महीने राशन दुकानों से 4 लाख 80 हजार लीटर घासलेट का वितरण हो रहा है। घासलेट सही उपभोक्ता को ही मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए हाईकोर्ट ने खाद्यान्न विभाग को दिशा निर्देश जारी किए हैं।

जिन उपभोक्ताआें के पास गैस कनेक्शन नहीं है, उन्हें राशन दुकानों से मिट्‌टी तेल देने का प्रावधान है। सरकार की नीति सभी परिवारों को गैस कनेक्शन देकर घासलेट की आपूर्ति बंद करने की है। नागपुर शहर में 5 लाख 60 हजार से ज्यादा राशन कार्ड व करीब 10 लाख गैस कनेक्शन है, जिसमें से 8 लाख 51 हजार से अधिक गैस कनेक्शन एक्टिव (सक्रिय) है। यानी इतने परिवार गैस का इस्तेमाल कर रहे है। जिनके पास एक सिलेंडर है, उसे दो लीटर घासलेट दिया जाता है। राशन कार्डों से ज्यादा गैस कनेक्शन होने के बावजूद शहर में हर महीने 4 लाख 80 हजार लीटर घासलेट का वितरण किया जा रहा है।

हाईकोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए यह सुनिश्चित करने को कहा कि योग्य उपभोक्ता को ही घासलेट मिले। गैस कनेक्शन व घासलेट साथ-साथ नहीं दिया जा सकता। खाद्यान्न विभाग को इससंबंध में जरूरी दिशानिर्देश देते हुए तय समय में इस काम को पूरा करने को कहा। साथ ही इसके लिए राज्य के खाद्यान्न विभाग के सचिव को 10 लाख रुपए जमा करने के भी निर्देश दिए। विभाग की तरफ से 10 लाख रुपए जमा करने के साथ ही घासलेट का दुरुपयोग रोकने के लिए पुख्ता कदम उठाए गए है। इसी का नतीजा है कि राज्य सरकार ने जीआर जारी कर घासलेट लेनेवालों से गारंटी पत्र मांगा है। जो गारंटी पत्र नहीं भरेगा, उसे घासलेट नहीं मिलेगा। उपभोक्ताआें को घासलेट देने का काम हॉकर करते है आैर इनके माध्यम से ही गारंटी पत्र भरवाएं जा रहे है। 

मिट्टी तेल विक्रेताआें ने गारंटी पत्र भरने का किया है विरोध
मिट्टी तेल विक्रेताआें (हॉकरों) ने उपभोक्ताआें से गारंटी पत्र भरने का विरोध करते हुए इससंबंध में खाद्यान्न विभाग को निवेदन देकर इस काम से मुक्ति देने की मांग की है। विभाग ने इसे शासन के पास विचार के लिए भेज दिया। इससंबंध में अभी तक कोई सुधारित आदेश नहीं आया है। विभाग की तरफ से साफ किया गया है कि जब तक नया आदेश नहीं आता तब तक हॉकरों को गारंटी पत्र भरने से मुक्ति नहीं मिलेगी। जो गारंटी पत्र नहीं भरेगा, उसे घासलेट जारी नहीं होगा। उपभोक्ता गारंटी पत्र भरने से मना करे तो उसे जोन कार्यालय में भेजने की सूचना विभाग की तरफ से हॉकरों व राशन दुकानदारों को दी गई है। 

Created On :   7 Oct 2018 2:21 PM GMT

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