हाईकोर्ट ने कहा - ताड़ोबा सफारी पर 6 सप्ताह में ठोस नीति लागू करे वन विभाग

Forest dept have to impose strong policy on Tadoba Safari in 6 weeks : HC
हाईकोर्ट ने कहा - ताड़ोबा सफारी पर 6 सप्ताह में ठोस नीति लागू करे वन विभाग
हाईकोर्ट ने कहा - ताड़ोबा सफारी पर 6 सप्ताह में ठोस नीति लागू करे वन विभाग

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने वन विभाग को आदेश दिया कि वह ताड़ोबा में सफारी के लिए 6 सप्ताह में ठोस नीति लागू करे। पूर्व में हाईकोर्ट के आदेश पर वन विभाग द्वारा तैयार किए गए सफारी के नए नियमों के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में अर्जी दायर की गई थी। ताड़ोबा जंगल सफारी में विसंगतियों का मुद्दा अविनाश प्रभुने ने दायर जनहित याचिका में उठाया था। इसी जनहित याचिका में नई अर्जी जोड़कर याचिकाकर्ता ने नए नियमों को चुनौती दी थी। 

दिशा-निर्देशों का उल्लंघन 
याचिकाकर्ता के अनुसार हाईकोर्ट ने वन विभाग को 4 जुलाई को सफारी पर नई और स्पष्ट नीति तैयार करने को कहा था, लेकिन वन विभाग ने नई नीति तैयार करके कोर्ट की अनुमति के बगैर सीधे वेबसाइट पर प्रकाशित कर दी थी, जिसमें कई खामियां थीं। दावा था कि वन विभाग ताड़ोबा में सफारी के लिए वीकेंड में 8 हजार और वीक डेज में 4 हजार रुपए किराया वसूला जाता है, जो बहुत ज्यादा है। इसके पूर्व 4 जुलाई को हाईकोर्ट ने वन विभाग को वीआईपी कोटे और जंगल सफारी पर ठोस नीति निर्धारित करने का आदेश दिया था।

याचिकाकर्ता का दावा था कि वन विभाग नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करके जरूरत से ज्यादा वाहन सफारी के लिए जंगल में छोड़ रहा है, इससे वन्य प्राणियों को नुकसान पहुंच रहा है। एनटीसीए ने निर्देशों के तहत यह तय है कि कितनी अवधि के लिए कितने वाहन सफारी के उद्देश्य से वन परिक्षेत्र में दाखिल होंगे। 

यह दावा
याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि, दिसंबर 2015 के बीच 64 दिनों में कुल 904 अतिरिक्त वाहन अवैध रूप से वन क्षेत्र में दाखिल होने दिए। इस प्रकरण में ताड़ोबा में सफारी में वीआईपी कोटा से लेकर विविध पहलुओं पर नीतियां स्पष्ट नहीं थी, जिसके बाद कोर्ट ने वन विभाग को इसमें सुधार करने का आदेश दिया था। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड. तुषार मंडलेकर ने पक्ष रखा।
 

Created On :   31 Aug 2018 8:46 AM GMT

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