पूर्व सहायक आयुक्त मीना की याचिका हाईकोर्ट ने की खारिज 

Former Assistant Commissioner Minas petition rejected by High Court
पूर्व सहायक आयुक्त मीना की याचिका हाईकोर्ट ने की खारिज 
पूर्व सहायक आयुक्त मीना की याचिका हाईकोर्ट ने की खारिज 

डिजिटल डेस्क, सीधी। आदिवासी विकास विभाग सीधी में छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपी रहे पूर्व सहायक आयुक्त एलआर मीना द्वारा हाईकोर्ट में दायर याचिका खारिज हो गई है। घोटाले में गिरफ्तारी से बचने के लिए याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने याचिका खारिज करने के साथ ही गिरफ्तारी के लिये पुलिस की राह आसान कर दी है। 

आदिवासी विकास विभाग सीधी में हुए 3 करोड़ रूपये के छात्रवृत्ति के गबन में शामिल पूर्व सहायक आयुक्त एल आर मीना ने अपनी गिरफ्तारी के विरूद्ध पिछले साल 2016 में हाईकोर्ट में 482 के तहत यह याचिका दायर की थी कि उसके खिलाफ गलत रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। जिस पर कोर्ट ने मामले की अंतिम सुनवाई के दौरान 6 सितम्बर को याचिका खारिज कर दी है। बता दें कि आदिवासी विकास विभाग सीधी में 2013 से 2015 के मध्य 3 करोड का छात्रवृत्ति घोटाला हुआ था। मझौली में संचालित सरस्वती महाविद्यालय जो केवल कागज में संचालित था, उसके संचालक अवनीश शुक्ला की मिली भगत से पूर्व सहायक आयुक्त सहित विभाग के अन्य कर्मचारियों ने चेक के माध्यम से 3 करोड रूपये छात्रवृत्ति का गलत तरीके से भुगतान किया था।

आरोपियों द्वारा वर्तमान सहायक आयुक्त के फर्जी हस्ताक्षर से भी चेक जारी किए थे। मामले की जानकारी सामने आने के बाद थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। रिपोर्ट के आधार पर पुलिस की विवेचना के दौरान छात्रवृत्ति घोटाले में आठ अन्य लोगों के साथ पूर्व सहायक आयुक्त एल आर मीना भी संलिप्त पाए गए थे। सभी आरोपियों के खिलाफ सिटी कोतवाली में 4 अप्रैल 2015 को आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468 और 471 के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया था। जिसमें पुलिस ने आठ आरोपियों को तो गिरफ्तार कर जेल भेज दिया लेकिन पूर्व सहायक आयुक्त एल आर मीना एवं मझौली में संचालित फर्जी कालेज के संचालक अवनीश शुक्ला के परिवार के 4 सदस्य जो मामले में आरोपी थे अभी भी फरार चल रहे है। उधर पुलिस गिरफ्तारी से बचने श्री मीना द्वारा हाईकोर्ट में इस आशय की याचिका दायर की गई कि उनके विरूद्ध बिना किसी दोष के पुलिस गिरफ्तारी के पीछे पड़ी हुई है। कोर्टद्वारा  याचिका की सुनवाई के बाद याचिका खारिज कर दी गई है। 

नियम विरूद्ध नियुक्ति का भी है गंभीर आरोप
पूर्व सहायक आयुक्त एल आर मीना द्वारा शासन के नियम विरूद्ध 27 कर्मचारियों को नियमित किया गया था। साथ ही बिना किसी आदेश या नियम के 96 लोगों को संविदा पर विभाग में रखा गया था। फर्जी नियुक्ति एवं नियम विरूद्ध नियमितीकरण करने के आरोपी में एल आर मीना को दिसम्बर 2014 में निलंबित कर दिया गया था। बाद में अप्रैल 2015 मे इनके खिलाफ छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई थी। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद आठ आरोपी तो पुलिस हिरासत में आ गए थे, लेकिन एल आर मीना को गिरफ्तार करने में पुलिस अक्षम रही है। जबकि मीना भोपाल, सीधी में खुलेआम घूमते रहे हैं।

Created On :   14 Sep 2017 3:34 AM GMT

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