36 और राफेल बेचना चाहता है फ्रांस, भारत ने नहीं दिया जवाब

France pitches for another batch of 36 Rafale jets procurement by India
36 और राफेल बेचना चाहता है फ्रांस, भारत ने नहीं दिया जवाब
36 और राफेल बेचना चाहता है फ्रांस, भारत ने नहीं दिया जवाब

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राफेल डील को लेकर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर हमले बोल रही है। इस बीच खबर आ रही है कि फ्रांस ने भारत को 36 और राफेल विमान बेचने की इच्छा जताई है। हालांकि भारत ने इसपर अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है। फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने 26 फरवरी को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन को एक चिट्ठी लिखी थी। चिट्ठी से पता चलता है कि फ्रांस की सरकार यह घोषणा करना चाहती थी कि दोनों देशों के बीच भारतीय वायुसेना के लिए और 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए बातचीत चल रही है। बता दें कि फ्रांस के राष्ट्रपति 4 दिवसीय भारत दौरे पर है और शनिवार को दोनो देशों के बीच 14 द्विपक्षीय समझौते भी किए, लेकिन उनमें अतिरिक्त राफेल विमानों का कोई जिक्र नहीं था।

ये लिखा है चिट्ठी में
निर्मला सीतारमन के नाम चिट्ठी में फ्लोरेंस लिखती हैं, "जैसा कि फ्रेंच गणराज्‍य के राष्‍ट्रपति द्वारा 25 अक्‍टूबर 2017 को भारत के प्रधानमंत्री को लिखा गया, हम भारतीय वायुसेना के लिए अतिरिक्‍त 36 विमानों की आपूर्ति के प्रस्‍ताव पर चर्चा शुरू करना चाहेंगे, जिसमें मेक इंडिया का भी बहुत ही महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा होगा। साथ ही फ्लोरेंस लिखती है, "इस आशय का कोई संदेश राष्‍ट्रपति के दौरे के दौरान विशेष रूप से सराहनीय होगा।"

रक्षा मंत्रालय ने नहीं दिया जवाब
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रक्षा मंत्रालय ने फिलहाल इसपर कोई जवाब नहीं दिया है। पहले हुई डील के 36 राफेल विमानों की डिलिवरी के बाद ताजा ऑफर पर फैसला किया जा सकता है। इन 36 विमानों को हसीमारा (पश्चिम बंगाल) और अंबाला (हरियाणा) के एयरबेस में 2019 से 2022 के बीच जगह मिलनी शुरू हो जाएगी। दोनों एयरबेसों पर दो-दो स्क्वाड्रन (प्रत्येक में 18 विमान) को जगह दी जा सकती है।

 

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एक राफेल की कीमत में 351 करोड़ का फर्क
इससे पहले कांग्रेस के दो सीनियर लीडर गुलाम नबी आजाद और रणदीप सुरजेवाला ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए कहा था कि 2016 में भारत को 36 राफेल जेट 7.5 अरब यूरो में बेचे गए, जबकि 2015 में कतर और मिस्त्र को यही 48 जेट 7.9 अरब में बेचे गए थे। कांग्रेस ने राफेल जेट बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट एविएशन की एनुअल रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि "इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत को एक जेट करीब 1670.70 करोड़ रुपए में बेचा गया, जबकि कतर और मिस्त्र को एक राफेल जेट 1319.80 करोड़ रुपए में बेचा गया था। इस हिसाब से हर जेट की कीमत में 351 करोड़ रुपए का फर्क है।"

 

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क्या है राफेल डील? 
भारत ने 2010 में फ्रांस के साथ राफेल फाइटर जेट खरीदने की डील की थी। उस वक्त यूपीए की सरकार थी और 126 फाइटर जेट पर सहमित बनी थी। इस डील पर 2012 से लेकर 2015 तक सिर्फ बातचीत ही चलती रही। इस डील में 126 राफेल जेट खरीदने की बात चल रही थी और ये तय हुआ था कि 18 प्लेन भारत खरीदेगा, जबकि 108 जेट बेंगलुरु के हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में असेंबल होंगे यानी इसे भारत में ही बनाया जाएगा। फिर अप्रैल 2015 में मोदी सरकार ने पेरिस में ये घोषणा की कि हम 126 राफेल फाइटर जेट को खरीदने की डील कैंसिल कर रहे हैं और इसके बदले 36 प्लेन सीधे फ्रांस से ही खरीद रहे हैं और एक भी राफेल भारत में नहीं बनाया जाएगा।

 

Created On :   10 March 2018 6:36 PM GMT

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