फर्जी डीडी देकर व्यापारियों से 9 लाख की ठगी 

fraud of 9 lakh by a person giving fake DD
फर्जी डीडी देकर व्यापारियों से 9 लाख की ठगी 
फर्जी डीडी देकर व्यापारियों से 9 लाख की ठगी 

डिजिटल डेस्क,सतना। रेलवे का इंजीनियर बन कर आए एक व्यक्ति ने शहर में फर्जी डीडी के जरिए लोगो को ठगा और इलेक्ट्रॉनिक कारोबारियों को झांसा देकर 9 लाख रुपए से अधिक कीमत के एलईडी टीवी और एयर कंडीशन ले कर चंपत हो गया। व्यापारियों को जब तक यह समझ में आया कि वे ठगे गए हैं जब तक तो ठग जिला ही नहीं राज्य की भी सीमा से बाहर निकल चुका था। घटना की शिकायत सिटी कोतवाली में दर्ज कराई गई है। पुलिस ने तफ्तीश शुरू कर दी है। 

 शहर में इलेक्ट्रॉनिक कारोबार की फील्ड के बड़े कारोबारियों में शुमार कृष्ण नगर स्थित कुमार इंटरप्राइजेज और गांधी चौक स्थित अजय इलेक्ट्रॉनिक्स को फर्जी डीडी के जरिए ठगी का शिकार बनाया गया है। इन फर्मों के संचालकों को रेलवे का सेक्शन इंजीनियर बन कर पहुंचे एक शख्स ने लगभग 9 लाख रुपए का चूना लगा दिया। उसने कुमार इंटरप्राइजेज के संचालक पंकज खिलवानी को 4 लाख 23 हजार 8 सौ रुपए का सेन्ट्रल बैंक मैहर शाखा का डीडी दिया और 32 से 49 इंच तक की साइज के 7 एलईडी टीवी तथा डेढ़ टन क्षमता के 4 एयर कंडीशन ऑटो में लोड करा कर चलता बना। इसी तरह अजय इलेक्ट्रॉनिक के संचालक विजय अग्रवाल को भी इसी बैंक और शाखा का 4 लाख 69 हजार 5 सौ रुपए का डीडी दे कर उसने यहां से 10 एलईडी टीवी लिए और उन्हें भी पहले से ही खड़े ऑटो में लोड करा कर रवाना हो गया। दोनों ही कारोबारी बेहद खुश थे लेकिन उनकी खुशी तब  दुःख में बदल गई जब उन्होंने डीडी को बैंक भेजा। बैंक से यह पता चलने पर कि डीडी नकली है दोनों के होश फाख्ता हो गए। बाद में यह बात बाजार में फैली तो पता चला कि वो अकेले नहीं है।    

बैंक वाले भी रह गए हैरान 
विनोद ने बताया कि उन्होंने डीडी की तस्दीक के लिए सेन्ट्रल बैंक से भी सम्पर्क किया लेकिन बैंक के अधिकारी भी हैरान रह गए। बैंक वालों ने विनोद को बताया कि जिस फॉर्मेट में डीडी बना है उसका इस्तेमाल दो साल पहल ही बंद कर दिया गया है। उसमे जो बैंक कोड दिया गया है वह भी मैहर का नहीं बल्कि कलकत्ता के पास स्थित किसी जगह का है।डीडी जिस कागज पर बनाया गया वह भी अपेक्षाकृत कम चिकना था और उसमे पंचिंग भी नहीं था। तीनो दुकानों को दिए गए डीडी का नंबर भी 000051612 ही है। जीएसटी नंबर दामोदर रोपवे के नाम है और पैन कार्ड नंबर कलकत्ता की ही किसी फर्म का है। 

लेटर पैड और लिफाफा 
रेलवे के सेक्शन इंजीनियर के रूप में इलेक्ट्रॉनिक कारोबारियों को ठगने पहुंचे ठग ने अपना नाम मुकेश प्रसाद बताते हुए तीनों दुकानों से एक ही दिन कोटेशन लिया था और डिलेवरी लेने भी 9 सितम्बर को ही पहुंचा। वह सेक्शन इंजीनियर के नाम से लेटर पैड पर पत्र लाया था जिसे रेलवे के मोनो के साथ प्रिंटेड लिफाफे में भर कर कारोबारियों को दिया गया था। कोटेशन लेते वक्त उसने बताया था कि वह मैहर में पदस्थ है ,वहां टीवी और एसी लगने हैं जिनकी उसे खरीददारी करनी है। विनोद पंजवानी ने बताया कि उसने अपने आदमियों को तीनों दुकानों में ऑटो लेकर एक साथ भेजा था। कुमार इंटरप्राइजेज और अजय इलेक्ट्रॉनिक्स में तो उसका माल लोड हो गया लेकिन उनकी दुकान में उसे मॉडल न होने का बहाना बना कर रोकने की कोशिश की गई। उसे डिलेवरी लेने की बहुत जल्दी भी थी। उसने कोटेशन लेने के वक्त मॉडल भी डेढ़ से दो मिनट में ही पसंद किए थे। लेकिन इन सारी कोशिशों के बीच वह सीसी टीवी कैमरे में कैद हो चुका था। 

रीवा हो कर बनारस के रास्ते भागा
व्यापारियों ने अपने साथ हुई ठगी के बाद पतासाजी शुरू की तो मालुम हुआ कि ठग यहां से लाखों का माल लेकर रीवा होते हुए बनारस के रास्ते भागा है। जिस ऑटो में दुकान से माल लोड हुआ था वह रीवा स्टेशन के पहले तक गया। एक पेट्रोल पम्प पर खड़ी लीलैंड गाडी नंबर MP17 G 2485 में वहां ऑटो से उतार कर माल लोड किया गया और रीवा बस स्टैंड ले जाया गया।रीवा बस स्टैंड में गौतम ट्रेवल्स कि बस नंबर MP17 P 0973 माल लोड हुआ और बनारस ले जाया गया। ठग के नेटवर्क के साथी बस के सुबह वहां पहुंचने पर पहले से मौजूद थे जिन्होंने तैयार खड़ी स्कार्पियो गाडी में सतना से ठगे गए एलईडी टीवी और एसी लोड कर दिए और फिर वहां से गायब हो गए। 

जाएगी पुलिस पार्टी 
ठगी का शिकार हुए व्यापारियों ने सिटी कोतवाली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने तफ्तीश शुरू कर दी है। सीएसपी वीडी पांडेय ने बताया कि फुटेज देखे गए हैं और बैंक तथा व्यापारियों से भी जानकारी ली जा रही है। टीम को रीवा होते हुए बनारस की तरफ भेजा जाएगा।

Created On :   13 Sep 2017 3:52 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story