पचास से अधिक फिल्म निर्माताओं को चूना लगाने वाला नोएडा से गिरफ्तार

Fraud with More than fifty filmmakers, accused arrest from Noida
पचास से अधिक फिल्म निर्माताओं को चूना लगाने वाला नोएडा से गिरफ्तार
पचास से अधिक फिल्म निर्माताओं को चूना लगाने वाला नोएडा से गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के 50 से ज्यादा निर्माताओं को लाखों रुपए का चूना लगाने वाले आरोपी को पुलिस ने उत्तर प्रदेश के नोएडा से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी का नाम दुर्गेश सिंह है। ओशिवारा पुलिस ने सिंह को साल 2016 में दर्ज एक ठगी के मामले में गिरफ्तार किया गया है। नोएडा की सूरजपुर कोर्ट में पेशी के बाद आरोपी को ट्रांजिट रिमांड पर मुंबई भेज दिया गया है। दुर्गेश के खिलाफ फिल्म फाइनांसर मनोज ओझा नाम के शख्स ने शिकायत दर्ज कराई थी। मनोज के मुताबिक दुर्गेश से उनकी पहचान एक दूसरे दोस्त के जरिए हुई। दुर्गेश ने उन्हें बताया था कि वह भोजपुरी फिल्मों और गानों के प्रसारण अधिकार खरीदता है, लेकिन कई बार पैसों की कमी के चलते सौदा नहीं हो पाता।

संगीत व सेटेलाईट अधिकार खरीदने के बहाने करता था धोखाधड़ी

दुर्गेश ने ओझा से 20 लाख रुपयों का करार किया था जिसके तहत वह जरूरत पड़ने पर पैसे का इस्तेमाल करता और बदले में मुनाफे में से ओझा को हिस्सा देता। ओझा ने बताया कि दुर्गेश ने पैसों का इस्तेमाल कर लिया, लेकिन मुनाफे में हिस्सा कभी नहीं दिया। दुर्गेश ने ओझा को समझौते के तहत बतौर सिक्योरिटी कुछ फिल्मों के अधिकार दिए थे। पैसे न देने की सूरत में वे इसका इस्तेमाल कर सकते थे। छह महीने बाद जब फिल्म टुडे मैग्जीन में नोटिस छपवाई तो पता चला कि जिन फिल्मों के अधिकार दुर्गेश ने बेचे थे वह उसकी नहीं किसी और किसी की फिल्में थीं। इसके बाद ओझा ने ओशिवरा पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई। दुर्गा प्रसाद मजूमदार ने भी उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। आर्या म्यूजिक नाम की कंपनी का मालिक दुर्गेश अपना यूट्यूब चैनल भी चलाता है।

धोखाधड़ी के कई शिकार

दुर्गेश के खिलाफ 50 निर्माताओं ने फिल्म निर्माताओं के संगठन इम्पा में धोखाधड़ी की शिकायत की है। दरअसल दुर्गेश भोजपुरी फिल्म निर्माताओं से संपर्क करता था और प्रसारण अधिकार के लिए मोटी रकम देने का वादा करता था। इसके बाद 10 फीसदी अग्रिम भुगतान कर वह एग्रीमेंट बना लेता था। इसके बाद वह फिल्में अपने यू ट्यूब चैनल पर प्रदर्शित कर कमाई करता था जबकि निर्माताओं को पैसे नहीं देता था। निर्माता किसी और को प्रसारण का अधिकार बेचना चाहें तो वह एग्रीमेंट के आधार पर विरोध करता था।

Created On :   15 Nov 2018 1:11 PM GMT

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