बीते डेढ़ महीने में 7 से 9 फीसदी बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम

from july 1 the price of petrol increased by 9% diesel raised 7%
बीते डेढ़ महीने में 7 से 9 फीसदी बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम
बीते डेढ़ महीने में 7 से 9 फीसदी बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। पिछले कुछ समय से तेल कंपनियां बेहद खामोशी से आम आदमी की जेब में सेंधमारी कर रही है। पिछले डेढ़ महीने में पेट्रोल-डीजल के दाम लगभग 9 पर्सेंट और 7 पर्सेंट तक बढ़ गए हैं। महत्वपूर्ण बात ये है कि पहले जब तेल के दाम एक या दो रुपए बढ़ते थे तो काफी बहस होती थी, लेकिन पिछले डेढ़ महीने में दाम पांच रुपए तक बढ़ गए और किसी को एहसास तक नहीं हुआ।

पेट्रोल की कीमतों में 5 रुपए प्रति लीटर का इजाफा

इंडियन ऑइल कॉरपोरेशन की वेबसाइट के अनुसार 1 जुलाई से 15 अगस्त तक पेट्रोल की कीमतों में 5 रुपए प्रति लीटर का इजाफा हुआ है। 1 जुलाई को दिल्‍ली में पेट्रोल 63.09 रुपए प्रति लीटर और डीजल का 53.33 रुपये प्रति लीटर बिक रहा था। लेकिन बुधवार को पेट्रोल 68.73 रुपये प्रति लीटर और डीजल 57.05 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बेचा जा रहा था। दूसरे राज्यों में इन फ्यूल्स के दाम लोकल टैक्स के हिसाब से बदल सकते हैं।

डेढ़ महीने में पेट्रोल-डीजल के दामों में 12 फीसदी

डेढ़ महीने में तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल के दामों में 9 पर्सेंट और 7 पर्सेंट  का इजाफा कर चुकी हैं। रोज तेल कीमतों में बदलाव करने को हरी झंडी देने के केंद्र सरकार के निर्णय के बाद तेल कंपनियां चुपचाप कीमतों में वृद्धि करने में लगी हैं। इस साल 16 जून से पेट्रोल की कीमतें ऑटोमेटेड सिस्‍टम के तहत हर सुबह रिवाइज होती हैं।

पेट्रोल के दाम से 2010 में और डीजल से 2014 में सरकारी कंट्रोल हटा

पेट्रोल, डीजल, कुकिंग गैस और केरोसिन के दाम का बढ़ना हमेशा संवेदनशील रहा है क्योंकि इनका सीधा असर लोगों के घरेलू बजट पर पड़ता है। इनके दाम बढ़ने से इकॉनमी में महंगाई के सिर उठाने की आशंका भी बनती है। यही वजह है कि कुकिंग गैस और केरोसिन के दाम अब भी पूरी तरह से डीरेग्युलेट नहीं किए गए हैं, लेकिन ग्लोबल लेवल पर क्रूड के दाम घटने से सरकार को ट्रांसपोर्टेशन फ्यूल को डीकंट्रोल करने में मदद मिली है। पेट्रोल के दाम से 2010 में और डीजल से 2014 में सरकारी कंट्रोल हटाया गया था। 

पहली जुलाई से पेट्रोल का दाम 9 पर्सेंट और डीजल का 7 पर्सेंट बढ़ने का मतलब यह है कि रोज कीमतें बदलने का मकसद पूरा हो रहा है। देश में पेट्रोल और डीजल के दाम का संबंध इनके अंतरराष्ट्रीय भाव से है, न कि क्रूड ऑइल से। इसी दौरान क्रूड ऑइल की इंडियन बास्केट में भी 9 पर्सेंट बढ़ोतरी हुई है। 

कीमतों में रोज बदलाव शुरू होने का पेट्रोल पंप डीलरों ने कड़ा विरोध किया था और उन्होंने प्राइस घटने से प्रॉफिटेबिलिटी को झटका लगने और इनवेंटरी पर लॉस होने का दावा किया था। 16 जून से 30 जून के बीच पेट्रोल का दाम 2.17 रुपये प्रति लीटर और डीजल का 1.03 रुपये प्रति लीटर घटा, लेकिन जुलाई में कीमतें चढ़नी शुरू हुईं तो डीलरों ने विरोध बंद कर दिया। 

Created On :   24 Aug 2017 5:58 AM GMT

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