जवाहर नवोदय विद्यालय में फर्नीचर घोटाला, प्राचार्य सस्पेंड

Furniture scam in jawahar navodaya vidyalaya, principal suspended
जवाहर नवोदय विद्यालय में फर्नीचर घोटाला, प्राचार्य सस्पेंड
जवाहर नवोदय विद्यालय में फर्नीचर घोटाला, प्राचार्य सस्पेंड

डिजिटल डेस्क, नागपुर। समीपस्थ पारशिवनी तहसील के पेंच प्रकल्प से लगे नवेगांव स्थित नवोदय विद्यालय में साढ़े 8 लाख का फर्नीचर घोटाला सामने आया है। प्राचार्य राम देव ने कागजों पर ही 8 लाख 51 हजार 303 रुपए के फर्नीचर की खरीदी 10 मार्च से 20 मार्च 2018 के बीच कर ली। विद्यालय में फर्नीचर आया ही नहीं। इसका भुगतान 31 मार्च 2018 को सुदर्शन ट्रेडिंग कंपनी नागपुर तथा जी.एस.स्टील एंड फैब्रिकेशन नागपुर को किया गया। जांच में दोषी पाए जाने पर नवोदय विद्यालय समिति नोएडा उत्तरप्रदेश के उपायुक्त जी. अरूमुगम ने प्राचार्य राम देव को 18 फरवरी को सस्पेंड कर दिया।

ऑडिट के दौरान सामने आई गडबड़ी
अगस्त 2018 में नवोदय विद्यालय नागपुर में लेखापाल ने ऑडिट कर अपनी रिपोर्ट सौंपी। उसमें यह अनियमितता सामने आई कि बगैर ई-टेंडरिंग के ही कागजों पर फर्नीचर खरीदा गया। यह ऑडिट रिपोर्ट नवोदय विद्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपी गई। नवोदय विद्यालय नागपुर के कार्यालयीन अधीक्षक एम.एम. शास्त्रकर को जांच सौंपने के आदेश वरिष्ठों ने दिए। शास्त्रकार ने मध्यप्रदेश के भोपाल स्थित नवोदय विद्यालय समिति के कार्यालय में 5 फरवरी 2019 को वरिष्ठ अधिकारियों को अपनी रिपोर्ट पेश की, जिसमें 8 लाख 51 हजार 303 रुपए की फर्नीचर खरीदी में प्राचार्य को दोषी पाया गया।

मामला दबाने का किया प्रयास
ऑडिट के बाद प्राचार्य और उनके साथियों जैसे-तैसे कुछ फर्नीचर विद्यालय में लाकर रख दिया था।। फिर भी जांच रिपोर्ट तैयार किए जाने तक  4 लाख 64 हजार 953 रुपए का फर्नीचर नहीं आ पाया था।

प्राचार्य देव को सस्पेंड कर पुणे किया संलग्न
प्राचार्य राम देव को निलंबित कर पुणे स्थित कार्यालय में संलग्न किया गया है। नवोदय विद्यालय नागपुर के प्रभारी प्राचार्य का पदभार भंडारा के उपप्राचार्य को सौंपे जाने की जानकारी मिली है।

3 जिम्मेदारों में से एक पर ही अभी गाज
नवोदय विद्यालय में 3 शिक्षकों की समिति है। इसमें प्राचार्य राम देव, स्टोर इंचार्ज पी.यू. पाहाडे, वरिष्ठ शिक्षक विजय इंदुरकर का समावेश है। प्राचार्य राम देव पर निलंबन की गाज गिर चुकी है, अन्य पर कार्रवाई को लेकर चर्चा तेज है।  

इन पर भी हो सकती है कार्रवाई
जिन दुकानों से फर्नीचर की खरीदी की गई, ऐसा दर्शाया गया है, उनमें नागपुर की ही 2 लोकल दुकानें हैं। इसमें सुदर्शन ट्रेडिंग कंपनी और जी.एस. स्टील फैब्रिकेशन का समावेश है। गाज इन पर गिर सकती है। 

केरल से भेजे गए थे नागपुर
भ्रष्टाचार में दोषी पाए गए प्राचार्य राम देव मार्च 2019 में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। इस विद्यालय में उनकी पत्नी सुनीता देव भी वरिष्ठ शिक्षक के तौर पर कार्यरत हैं। जानकारी के अनुसार, नागपुर में आने के पहले राम देव केरल में कार्यरत थे। वहां भी उनका कार्यकाल विवादित बताया जाता है। उसके बाद ही उनका तबादला नागपुर कर दिया गया था।  

नवोदय विद्यालय समिति के जिलाधिकारी हैं अध्यक्ष, उनकी अनुमति जरूरी
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने जवाहर नवोदय विद्यालय की स्थापना की थी। जिला स्तर पर स्थापित नवोदय विद्यालय समिति के अध्यक्ष जिले के जिलाधकारी होते हैं। स्कूल में कुछ भी खरीदी के लिए जिलाधिकारी या डीडीओ से अनुमति लेकर ई-टेंडर निकालना पड़ता है, मगर यहां कुछ भी वैसा नहीं हुआ।

मुझे कुछ नहीं कहना 
यह कार्यालयीन मामला है। विभाग के किसी भी मामले में कहना गलत है। इस मामले में मैं कुछ भी कहना नहीं चाहता।
-राम देव, निलंबित प्राचार्य, जवाहर नवोदय विद्यालय, नवेगांव खैरी, पारशिवनी, नागपुर

 

Created On :   20 Feb 2019 5:38 AM GMT

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