शिक्षकों के 72 पद रिक्त, नहीं खुली गड़चिरोली जिले की 6 स्कूलें, बच्चों का भविष्य अंधकारमय

Future of school kids is in danger, about 72 seats of teachers are vacant
शिक्षकों के 72 पद रिक्त, नहीं खुली गड़चिरोली जिले की 6 स्कूलें, बच्चों का भविष्य अंधकारमय
शिक्षकों के 72 पद रिक्त, नहीं खुली गड़चिरोली जिले की 6 स्कूलें, बच्चों का भविष्य अंधकारमय

डिजिटल डेस्क, भामरागढ़(गड़चिरोली)। राज्य सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने सर्व शिक्षा अभियान चलाकर सभी विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा दिलाने का निर्णय लिया है, पर गड़चिरोली जिला परिषद की लापरवाहपूर्ण कार्यप्रणाली के चलते इस वर्ष किए गए शिक्षकों के ऑनलाइन तबादलों की प्रक्रिया में कई खामियां पाए जाने से इस शैक्षणिक सत्र में शिक्षकों के तकरीबन 72 पद रिक्त पड़े हुए हैं। इस कारण तहसील की 6 शालाएं बंद हैं। शालाओं का शैक्षणिक सत्र आरंभ हुए तीन दिन हो गए हैं, लेकिन तहसील की 6 शालाओं को ताले लगे रहे। इसमें तहसील के लष्कर, गोपणार, मुरंगल, कोथर, कवंडे व कुचेर की शालाओं का समावेश है। इससे इन गांवों के विद्यार्थियों का शैक्षणिक नुकसान हो रहा है।

शैक्षणिक सत्र आरंभ होने के तीन सप्ताह पूर्व जिला परिषद के शिक्षा विभाग ने प्राथमिक शिक्षकों के लिए ऑनलाइन तबादला प्रक्रिया आरंभ की। इस प्रक्रिया में अनेक प्रकार की खामियां पाए जाने से तहसील की कुल 24 शालाओं में किसी शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पायी है। इस गंभीर समस्या के मद्देनजर स्थानीय शिक्षा विभाग ने अपनी जिम्मेदारी पर तहसील की कुल 18 शालाओं में अतिरिक्त शिक्षकों को भेजकर शालाएं आरंभ की हैं, लेकिन 6 स्कूलों के लिए अब शिक्षक नहीं मिलने से शिक्षा विभाग पहले ही दिन शाला आरंभ करने में विफल साबित हुआ। 

बता दें कि नक्सलग्रस्त व आदिवासी बहुल भामरागढ़ तहसील में जिला परिषद की 61 शालाएं हैं। इनमें उच्च श्रेणी शालाओं का समावेश है। इनमें से 37 शालाओं को प्रत्येक 1 शिक्षक मिला है। वहीं 24 शालाओं के लिए शिक्षक उपलब्ध नहीं हो पाए हैं। जिसके चलते  शिक्षा विभाग ने जिस शालाओं में एक से अधिक शिक्षक हैं, ऐसे शिक्षकों को 18 शालाओं में भेज दिया है।

तहसील में मंजूर शिक्षकों की संख्या के मद्देनजर फिलहाल प्राथमिक शिक्षकों के 88, विषय शिक्षकों के 7 और प्रधानाध्यापकों के 2 समेत कुल 97 पद खाली हैं। मंगलवार को जिले के अधिकांश स्थानों पर नव प्रवेशित विद्यार्थियों का पुष्पगु"छ और पाठ्यपुस्तक देकर स्वागत किया गया, लेकिन तहसील की 6 शालाएं बंद इस दिन बंद रहीं। शिक्षकों की कमी के चलते अब तहसील के लष्कर, गोपणार, मुरंगल, कोथर, कवंडे व कुचेर गांव की शालाओं में दूसरे दिन भी अध्यापन कार्य हो नहीं पाया। इस पर शाला प्रबंधन समिति ने रोष व्यक्त किया है। 

शालाओं में नहीं  पहुंची शिक्षा सामग्री
शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक सत्र आरंभ होने के पूर्व ही सभी शालाओं में पाठ्यपुस्तकें भिजवा देने का ऐलान किया है, लेकिन भामरागढ़ तहसील की अधिकांश शालाओं में शैक्षणिक सत्र आरंभ होने के दूसरे दिन भी पाठ्यपुस्तक पहुंच नहीं पाईं। जिसके चलते इस वर्ष विद्यार्थियों का बड़े पैमाने पर शैक्षणिक नुकसान होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

वरिष्ठ स्तर पर  भेजी है रिपोर्ट 
शिक्षकों की ऑनलाइन तबादला प्रक्रिया में कई शालाओं को शिक्षक प्राप्त नहीं हुए हैं। इसकी जानकारी जिला परिषद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दी गयी है। शिक्षकों के नियुक्ति के लिए भी प्रयास जारी हैं। अंतिम निर्णय मुख्य कार्यपालन अधिकारी ही लेंगे। शैक्षणिक सत्र आरंभ होने के पहले दिन 18 शालाओं में 1-1 शिक्षक भेजकर संबंधित शालाएं खोली गईं, लेकिन 6 शालाओं में शिक्षक नहीं मिलने से यह शालाएं दूसरे दिन भी बंद थीं। 
(अश्विनी सोणवाने  गुटशिक्षाधिकारी, पं.स. भामरागढ़)

Created On :   28 Jun 2018 7:38 AM GMT

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