आकर्षक होती हैं टिश्यू पेपर से बनी गणेश मूर्तियां, पर्यावरण को भी नहीं है कोई नुकसान

Ganesh statues made with tissue paper is beautiful and attractive
आकर्षक होती हैं टिश्यू पेपर से बनी गणेश मूर्तियां, पर्यावरण को भी नहीं है कोई नुकसान
आकर्षक होती हैं टिश्यू पेपर से बनी गणेश मूर्तियां, पर्यावरण को भी नहीं है कोई नुकसान

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के प्रमुख त्योहार गणेशोत्सव ने सामाजिक सौहार्द बनाने में तो अहम भूमिका निभाई है लेकिन प्लास्टर ऑफ पेरिस और साढू की मिट्टी से बनने वाली मूर्तियों और सजावट के लिए केमिकल के इस्तेमाल से पर्यावरण को काफी हानि पहुंचती है। पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचने के लिए विलेपार्ले के संकेश रेणूके ने एक नया प्रयोग शुरू किया है। रेणुके टिश्यूपेपर का इस्तेमाल कर गणेश मूर्तियां बनाते हैं। इन मूर्तियां देखने में आकर्षक होने के साथ-साथ काफी किफायती भी हैं। 

महानगर के विलेपार्ले इलाके में बतौर शिक्षक काम करने वाले रेणूके गणेशोत्सव के दौरान पर्यावरण को होने वाले नुकसान से चिंतित थे। इसीलिए इन्होंने टिश्यूपेपर से गणेश मूर्तियां बनाने की कला सीखी। इसके बाद उन्होंने कुछ दूसरे लोगों को भी यह कला सिखानी शुरू कर दी। पिछले चार सालों से रेणूके टिश्यूपेपर के गणेश मूर्तियां बना रहे हैं। हर साल वे आठ से दस गणेश मूर्तियां तैयार करते हैं। मूर्तियां बनाने के लिए वे टिश्यूपेपर के साथ साथ पेड़ से निकले गोंद, गुलाल और पानी का इस्तेमाल करते हैं।

पीओपी और साढू की मिट्टी से बनाई जाने वाली दो फुट की मूर्ति आमतौर पर सात से आठ हजार रुपए में मिलती है लेकिन इस आकार की रेणूके द्वारा तैयार मूर्ति की कीमत चार से छह हजार रुपए तक होती है। टिश्यू पेपर से बनी मूर्ति के विसर्जन के बाद कागज की जो लुगदी बची रहती है उसका भी दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है। इसलिए इन मूर्तियों से पर्यावरण को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचता। रेणूके लोगों को टिश्यूपेपर से बनी गणेशमूर्तियां स्थापित करने के लिए जागरूक भी करते हैं। 

Created On :   19 Sep 2018 12:53 PM GMT

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