बैंकों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगने वाला गिरोह गिरफ्तार, नोएडा में खोल रखा था कॉल सेंटर

Gangs arrested in fraud case on the name of getting jobs in banks
बैंकों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगने वाला गिरोह गिरफ्तार, नोएडा में खोल रखा था कॉल सेंटर
बैंकों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगने वाला गिरोह गिरफ्तार, नोएडा में खोल रखा था कॉल सेंटर

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई पुलिस ने बैंकों में नियुक्ति के नाम पर ठगी करने के मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों द्वारा उत्तर प्रदेश के नोएडा इलाके में चलाए जा रहे फर्जी कालसेंटर को भी बंद कराया है।   पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपी नौकरी की तलाश में विभिन्न वेबसाइट पर अपना बायोडॉटा पोस्ट करने वाले नवयुवकों को अपना निशाना बनाते थे। आरोपी वेबसाइट से युवकों के बायोडॉटा हासिल कर उन्हें अपने कालसेंटर से फोन कर बताते थे कि फलांफलां बैंक में नौकरी के लिए आप को इंटरव्यू के लिए आना है। इंटरव्यू के बाद आरोपियों से रजिस्ट्रेशन फीस व दस्तावेजों के सत्यापन के नाम पर बैंक के खाते में पैसे जमा करने के लिए कहते थे। 

कुलाबा पुलिस को इस मामले में साल 2017 में शिकायत मिली थी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 व 34 तथा सूचना प्रोद्योगिकी कानून की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। मामले की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस आयुक्त प्रवीण पडवल के मार्गदर्शन में एक विशेष टीम बनाई गई। तकनीकी कौशल का इस्तेमाल करके पुलिस ने इस मामले में अब तक 6 आरोपियों देवऋषी शर्मा, विक्रांत गिरी, जयदीप शास्त्री, शशांक दुबे, सोनल राणा व मनोज तिवारी को गिरफ्तार किया गया है। इन सभी को उत्तर प्रदेश के नोएडा इलाके से गिरफ्तार किया गया है।

जांच से जुड़े पुलिस अधिकारी के मुताबिक शशांक दुबे नाम का आरोपी आल इंडिया नेटवर्किंग फैकल्टी आयकन लिमिटेड नाम की फर्जी कंपनी चलाता था। वह आरोपी तिवारी व राणा की मदद से शाइन डाट काम व मानेस्टर डाट काम से युवाओं के बायोडेटा हासिल करता था। पुलिस ने आरोपियों के पास 16 लैपटाप, 16 मोबाइल फोन, 4 हार्ड डिस्क, एक वाय-फाय किट, 10 सिम कार्ड के अलावा बैंक से जुड़े दस्तावेज, क्रेडिट व डेबिट कार्ड के अलावा आठ डायरी व कई मोबाइल के डिब्बे बरामद किए हैं। इसके अलावा पुलिस ने आरोपियों द्वारा चलाए जा रहे फर्जी कालसेंटर को भी बंद करा दिया है। पुलिस अभी भी मामले की जांच में जुटी हुई है। 

Created On :   6 Oct 2018 12:59 PM GMT

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