ग्लेशियरों पर पिघली इतनी बर्फ कि टेक्सास की 13 फीट जमीन डूब गई

Glaciers melted so much that Texas 13 feet of land drowned in water
ग्लेशियरों पर पिघली इतनी बर्फ कि टेक्सास की 13 फीट जमीन डूब गई
ग्लेशियरों पर पिघली इतनी बर्फ कि टेक्सास की 13 फीट जमीन डूब गई

डिजिटल डेस्क । धरती की सबसे ठंडी जगह अंटार्कटिका में बर्फ का तेजी से पिघलना चिंता का विषय बन गया है। पिछले सालों कि तुलना में अब यहां की बर्फ तीन गुना तेजी से पिघल रही है। लगभग 200 अरब टन बर्फ पिघलकर हर साल समुद्र में आती है जिससे समुद्र का स्तर हर साल आधा मिलीमीटर बढ़ता जा रहा है। पिछले आंकड़ों कि बात कि जाए तो 1992 के बाद से लगभग तीन खरब टन बर्फ पिघल चुकी है। वैज्ञानिकों कि एक इंटरनेशनल टीम ने नई स्टडी में बताया है कि अंटार्कटिका के दक्षिणी छोर में इतनी ज्यादा बर्फ पिघल गई है कि टेक्सास की करीबन 13 फीट जमीन पानी में डूब गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 1992 से साल 2011 तक अंटार्कटिका में हर साल लगभग 84 अरब टन बर्फ पिघलती थी। वहीं साल 2012 से 2017 तक बर्फ पिघलने कि दरें 241 अरब प्रति वर्ष रहीं है। 

 

अंटार्कटिका में बर्फ के लिए इमेज परिणाम

 

रिपोर्ट से जुड़ी यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, इरविन कि इजाबेल वेलिकोग्ना का कहना है कि यह एक बेहद चिंताजनक विषय है क्योंकि ये जो हो रहा है वो हमारी उम्मीदों से अधिक तेजी से हो रहा है। पश्चिम अंटार्कटिका में सबसे ज्यादा बर्फ पिघलने वाला हिस्सा ढहने कि स्थिति में पहुंच गया है, पृथ्वी का सबसे दूरतम क्षेत्र होते हुए भी अंटार्कटिका और दक्षिणी महासागर में आए बदलाव दुनिया के लिए नकारात्मक परिणाम खड़े कर सकते हैं। 

 

अंटार्कटिका में बर्फ के लिए इमेज परिणाम

 

क्यों पिघल रही है बर्फ ?

दरअसल बढ़ते प्रदूषण के कारण कार्बन डाइ ऑक्साइड के बढ़ने से धरती गर्म होती जा रही है, जिसकी वजह से ग्लैशियर पिघल रहे हैं। ग्लोबल वार्मिग का असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक हिमालय ग्लेशियरों का लगभग 2077 किमी का पांच सौ वर्ग किमी सिकुड़ गया है। अब जाहिर सी बात है बर्फ और ग्लैशियर पिघलेंगे तो जलस्तर तो बढ़ेगा ही।  

Created On :   16 Jun 2018 7:38 AM GMT

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