Google ने Doodle बनाकर महाश्वेता देवी को दी आदरांजलि

Google Doodle Pays Tribute To Writer-Activist Mahasweta Devi.
Google ने Doodle बनाकर महाश्वेता देवी को दी आदरांजलि
Google ने Doodle बनाकर महाश्वेता देवी को दी आदरांजलि

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Google ने आज आधुनिक भारतीय साहित्यिक और एक्टिविस्ट महाश्वेता देवी को उनकी 92वीं जयंती पर आदरांजलि अर्पित की है। इसके अलावा गूगल ने हर बार की तरह इस बार भी एक डूडल बनाकर साहित्य के ति इनके प्यार और आदिवासी एवं ग्रामीण लोगों के लिए उनकी आवाज को प्रदर्शित करने का सफल प्रयास किया है। 1926 में Decca ने जन्मी, महाश्वेता देवी ने अपने जीवन काल में 100 से भी ज्यादा उपन्यास लिखे हैं, और इनमें से पहला 1956 में प्रकाशित हुआ झांसी की रानी पर आधारित था। इसके अलावा उन्हें कुछ महान रचनाओं के लिए भी जाना जाता है। ‘Hajar Churashir Ma’, ‘Aranyer Adhikar’, ‘Agnigarbha’, ‘Rudali’, और ‘Sidhu Kanhur Daakey’ इन सभी महान रचनाओं ने इन्हें दुनियाभर में मशहूर  कर दिया था।

 

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महाश्वेता देवी ने देश में आदिवासियों के सशक्तिकरण के प्रति अपने जीवन को अर्पित कर दिया था, इसके अलावा ग्रामीण बंगाल में आम लोगों की उदासीनता से संबंधित मुद्दों को भी वह जीवन भर उठाती रही थी। इसके अलावा इन्होंने सिंगूर और नंदीग्राम में भूमि के जबरन अधिग्रहण के खिलाफ आवाज भी उठाई। उन्होंने एक बार ऐसा भी कहा था कि, “मेरा भारत अभी भी अंधेरे के एक पर्दे के पीछे रहता है”।

 

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उनके उपन्यासों को गोविंद निहलानी की 1998 की फिल्म Hazar Chaurasi Ki Ma और Kalpana Lajmi की Rudali जैसी पुरस्कार विजेता फिल्मों में बदल दिया गया। आपको बता दें कि अपने जीवनकाल में उन्होंने अपने अनुकरणीय साहित्यिक कामों के लिए कई पुरस्कार जीते हैं। प्रसिद्ध लेखकों में से एक होने के नाते, महाश्वेता देवी को देश के दूसरे उच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था। उन्हें Ramon Magsaysay, Sahitya Akademi, और Jnanpith जैसे पुरुस्कारों से भी सम्मानित किया गया था। इस तरह के महान कार्यों में जीवन भर बिताने के बाद July, 2016 में महाश्वेता देवी ने अपनी आखिरी सांस ली, और हमें छोड़कर इस दुनिया को विदा कह गईं।

 

Created On :   14 Jan 2018 7:10 AM GMT

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