गोटमार मेला प्रारंभ : पत्थरों की बौछार से घायल हुए सैकड़ों खिलाड़ी

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गोटमार मेला प्रारंभ : पत्थरों की बौछार से घायल हुए सैकड़ों खिलाड़ी
गोटमार मेला प्रारंभ : पत्थरों की बौछार से घायल हुए सैकड़ों खिलाड़ी

डिजिटल डेस्क, छिन्दवाड़ा/ पांढुर्ना। यहां का पारंपरिक एवं दुनिया भर में विख्यात गोटमार मेला सोमवार की सुबह पूरे उत्साह एवं रीति रिवाज के साथ प्र प्रारंभ हुआ । गोटमार पेठ पर सवा दस बजे गोटमार मेले की शुरुआत हुई। इसमें दोपहर ढाई बजे तक सौ से ज्यादा  लोग घायल हो चुके थे जसमें किसी को भी गंभीर चोट नही आई।

पोला पर्व के दूसरे दिन आयोजित होने वाले इस  गोटमार मेलो में  पांढुर्र्ना के जाम नदी के एक ओर सांवरगांव तो दूसरी ओर पांढुर्ना पक्ष के लोग एक दूसरे पर पत्थर बरसातें हैं । नदी के बीच सांवरगांव पक्ष वाले झंडा लगाकर इस झंडे को तोडऩे का प्रयास किया जाता है । इसी दौरान दोनों ओर से झंडा पाने के प्रयास के बीच पत्थर बरसाए गए। इस खूनी खेल में हर वर्ष सैकड़ों लोग घायल होते है  जबकि अब तक बहुत से लोगों ने इसमें अपनी जान गंवाई है तो वहीं पत्थरों से घायल होने के बाद जिंदगी भर के लिए भी लोग अपंग हो गए है।  गोटमार मेले में सुरक्षा व्यवस्था के लिए प्रशासन ने भी तैयारी करते हुए पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सात सौ से अधिक पुलिस बल तैनात किया है।

मेले में प्रशासनिक व्यवस्था के लिए अतिरिक्त पुलिस एएसपी कमल मौर्य, एस डी एम अतुल सिंह, एस डी ओ पी खुमानसिंह धुव खेल स्थल के समीप कैम्प में मौजूद रहे।मेले में घायलों के उपचार के लिए 4 अस्थाई मेडिकल कैम्प बनाए गए। घायलों के इलाज के लिए 39 डॉक्टरों की टीम लगाई गई।अनहोनी से निपटने के लिए करीब 700 का पुलिस बल डयूटी में लगा।

5 डीएसपी, 12 टीआई के अलावा 3 जिलों का पुलिस बल
गोटमार मेले के आयोजन को लेकर पुलिस ने तीन जिलों से बल बुलाया है। जिसमें पांच डीएसपी रैंक और बारह टीआई रैंक के अधिकारियों के अलावा सात सौ से अधिक बल यहां तैनात है। टीआई गोपाल घासले ने बताया कि पिछले वर्षों की व्यवस्था की भांति वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर इसमें व्यापक सुधार करते हुए बल की तैनाती की गई है।

मेलास्थल पर आए पत्थर
गोटमार के दो दिन पहले गोटमार मेला स्थल के दोनों ओर एक दर्जन से अधिक ट्राली पत्थर उतारे गए। हालांकि इसमें कुछ भाग रेतियों का भी है। गोटमार से जुड़े लोगों का मानना है कि खेलस्थल के आसपास सीमेंट कांक्रीट सड़कें बन गई है, इसमें उछलकर पत्थर तेजी से लगता है। इसलिए नदी की रेतीनुमा खड़ भी फैलाई गई है।

ऐसा रहा अब तक गोटमार के घायलों का हाल

  • - वर्ष 2004 में 375 घायल,  05 गंभीर घायल और एक की मौत हुई।
  • - वर्ष 2005 में 381  घायल,  10 गंभीर घायल और एक की मौत।
  • -  वर्ष 2006 में 215  घायल,  03 गंभीर घायल।
  • -  वर्ष 2007 में 226 घायल,  09 गंभीर घायल।
  •  - वर्ष 2008  में 412  घायल, 10 गंभीर घायल और एक की मौत हुई।
  • -  वर्ष 2009  में 48 घायल हुए थे।
  • -  वर्ष 2010 में 339 घायल,  07 गंभीर घायल हुए।
  • - वर्ष 2011 में 321 घायल,  07 गंभीर घायल हुए।
  • -  वर्ष 2012  में 329  घायल,  07  गंभीर घायल हुए।
  • -  वर्ष 2013  में 253  घायल,  10 गंभीर घायल हुए।
  • -  वर्ष 2014 में 245 घायल,  03  गंभीर घायल हुए।
  • -  वर्ष 2015 में 500 घायल, 10  गंभीर घायल हुए।
  • -  वर्ष 2016 में 642 घायल, 07 गंभीर घायल हुए।
  • -  वर्ष 2017 में 259 घायल, 40 गंभीर घायल हुए।

 

Created On :   10 Sep 2018 9:07 AM GMT

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