पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगा सकती है सरकार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली । देश में पेट्रोल डीजल की कीमत तीन सालों के सबसे उच्चतम स्तर पहुंच गई है। कीमतें बढ़ते-बढ़ते 80 रुपए लीटर पर पहुंच गई है। इस वजह से आम आदमी जेब पर काफी बोझ बढ़ा है। लगातार बढ़ रही कीमतों को लेकर लोगों सरकार के प्रति खासा गुस्सा है, लेकिन आपको बता दें कि आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए कई कड़े कदम उठा सकती है। कीमतें कम करने के लिए तीन संभावनाओं के बारे में, जो सस्ता पेट्रोल और डीजल दिलाने में मदद कर सकते हैं। ऐसा मुमकिन है कि इस साल बजट में फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली पेट्रोल और डीजल के उत्पाद शुल्क में कटौती कर सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, पेट्रोलियम मिनिस्टर ने प्री-बजट मेमोरैंडम के तौर पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती करने का प्रस्ताव फाइनेंस मिनिस्टर को भेजा है। पेट्रोलियम सेक्रेटरी के डी त्रिपाठी ने सोमवार को कहा था कि मिनिस्ट्री ने अपना सुझाव भेज दिया है। बुधवार को दिल्ली में पेट्रोल का भाव 63.36 रुपए प्रति लीटर रहा. जबकि डीजल का भाव 72.43 रुपए प्रति लीटर है।
GST परिषद की 25वीं बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने पर फैसला परिषद की अगली बैठक में हो सकता है। अगली बैठक में अगर यह फैसला ले लिया जाता है, तो आम आदमी को पेट्रोल और डीजल की कीमतों से बड़ी राहत मिल सकती है। GST के तहत आने के बाद आपको पेट्रोल और डीजल 55 रुपए के भीतर मिल सकता है।
ऑयल मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान बार-बार राज्यों से अपील कर चुके हैं कि वो पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले वैट में कटौती करें। गुजरात, महाराष्ट्र समेत कई राज्य वैट घटा चुके हैं। ऐसे में केंद्र सरकार एकबार फिर अन्य राज्यों को वैट घटाने के लिए अपील कर सकती है।
क्यों बढ़ रही हैं कीमतें
डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की पहली वजह ट्रैक्टर और सिंचाई के लिए पंप सेट का बहुत ज्यादा इस्तेमाल है. केंद्र सरकार अभी पेट्रोल पर 19.48 रुपए प्रति लीटर और पेट्रोल पर 15.33 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी लगाता है। दिल्ली में पेट्रोल पर 15.39 रुपए प्रति लीटर वैट है जबकि डीजल पर वैट 9.32 रुपए है। बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार ने नवंबर 2014 से जनवरी 2016 के बीच 9 बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाया है। इन 15 महीनों में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 11.77 रुपए प्रति लीटर बढ़ाया गया था जबकि डीजल का एक्साइज ड्यूटी बढ़कर 13.47 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गया है। इससे 2016-17 के दौरान सरकार को 2,42,000 करोड़ रेवेन्यू मिला था, जबकि 2014-15 के दौरान यह सिर्फ 99,000 करोड़ रुपए था।
दरअसल 2014 से 2016 के बीच क्रूड का भाव कम था, जिसका फायदा उठाने के लिए सरकार ने एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दिया था। यही वजह थी कि क्रूड का प्राइस 45 डॉलर प्रति बैरल तक आने के बावजूद डोमेस्टिक मार्केट में पेट्रोल और डीजल के भाव में कुछ खास कमी नहीं आई थी।
Created On :   25 Jan 2018 7:36 AM GMT