ट्रैफिक पुलिस के लिए 8655 लोगों की भर्ती पर 30 अप्रैल तक फैसला ले सरकारः हाईकोर्ट

Government consider the appointment on 8655 posts in traffic police : HC
ट्रैफिक पुलिस के लिए 8655 लोगों की भर्ती पर 30 अप्रैल तक फैसला ले सरकारः हाईकोर्ट
ट्रैफिक पुलिस के लिए 8655 लोगों की भर्ती पर 30 अप्रैल तक फैसला ले सरकारः हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य भर में ट्रैफिक से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए 8655 पुलिसकर्मियों के नए पद निर्मित किए जाने के प्रस्ताव पर वित्त विभाग द्वारा आपत्ति जताने पर नाराजगी व्यक्त की है। राज्य के पुलिस महानिदेशक ने इस संबंध में 23 जनवरी 2019 को गृह विभाग द्वारा यह प्रस्ताव गृह विभाग को भेजे जाने पर वित्त विभाग ने इस प्रस्ताव पर आपत्ति जताते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक को  सिर्फ ट्रैफिक ही नहीं पूरे पुलिस महकमे को ध्यान में रखकर व्यापक रुप से दोबारा प्रस्ताव भेजने को कहा है। वित्त विभाग का कहना है कि विशेष भर्ती अभियान के तहत 5979 पुलिसकर्मियों की भर्ती की जानी है क्या यह भर्ती पुलिस विभाग के लिए पर्याप्त नहीं है। इस पर भी विचार किया जाए।

न्यायमूर्ति अभय ओक व न्यायमूर्ति एमएस शंकलेचा की खंडपीठ ने सरकार की ओर से हलफनामे में दी गई इस जानकारी पर कहा कि राज्य के पुलिस महानिदेशक ने राज्य भर में ट्रैफिक से जुड़े मुद्दों को ध्यान में रखकर गृह विभाग के पास पुलिसकर्मियों के नए पद निर्मित किए जाने का प्रस्ताव भेजा था। प्रथम दृष्टया हमें नहीं लगता है कि वित्त व गृह विभाग को राज्य के पुलिस महानिदेशक की ओर से भेजे गए इस प्रस्ताव पर संदेह करना चाहिए। खंडपीठ ने सरकार को 8655 पुलिसकर्मियों के नए पद निर्मित किए जाने के विषय में फैसला लेने के लिए 31 मार्च 2019 तक का समय दिया था, लेकिन सरकार ने अब तक इस मामले में फैसला नहीं किया। जो सरकार की विफलता को दर्शाता है। अब हम सरकार को फैसला लेने के लिए एक और अवसर दे रहे हैं। जिसके तहत सरकार को इस विषय पर निर्णय लेने के लिए 30 अप्रैल 2019 तक समय दिया जाता है।

खंडपीठ के सामने सामाजिक कार्यकर्ता टेकचंद खानचंदानी की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में सड़कों पर की जानेवाली अवैध पार्किंग व लावारिस वाहनों के मुद्दे को उठाया गया है। याचिका में कहा गया है कि सड़कों पर खड़े रहने वाले लावारिस वाहन सुरक्षा के साथ-साथ ट्रैफिक की समस्या भी पैदा करते हैं। इसलिए इनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। इसके अलावा मेट्रो रेल के निर्माण कार्य स्थल के निकट अवैध पार्किंग को लेकर भी सवाल खड़े किए गए हैं। पिछली सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने सरकार को निर्देश दिया था कि वह आश्वस्त करे की मेट्रो रेल के निर्माण कार्य स्थल के निकट कोई अवैध पार्किंग न हो। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने खंडपीठ के सामने कहा कि हमने अवैध पार्किंग के खिलाफ कार्रवाई शुरु की है। इस संबंध में जरुरी निर्देश भी जारी किए गए हैं। इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने सरकारी वकील को कहा है कि हमें अलग सुनवाई के दौरान अवैध रुप से पार्क किए जानेवाले वाहनों के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी दी जाए। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई 2 मई तक के लिए स्थगित कर दी है। 

Created On :   20 April 2019 12:10 PM GMT

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