सूखे की स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने मनरेगा के काम का दायरा बढ़ाया 

Government increased work of MNREGA to tackle situation of drought
 सूखे की स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने मनरेगा के काम का दायरा बढ़ाया 
 सूखे की स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने मनरेगा के काम का दायरा बढ़ाया 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में सूखे की स्थिति के मद्देनजर महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत कन्वर्जेंस (अभिसरण) प्रारूप लागू करने का फैसला राज्य सरकार ने किया है। मनरेगा योजना के साथ राज्य सरकार के विभिन्न विभागों की योजनाओं का कन्वर्जेंस किया गया है। मनरेगा के माध्यम से विभिन्न प्रकार के 260 कामों को किया जा सकता है। जिसमें से 28 कामों को विभिन्न विभागों की योजनाओं के साथ मिलाया गया है। सरकार को उम्मीद है कि इससे राज्य के ग्रामीण इलाकों में ज्यादा रोजगार पैदा होगा।

गुरुवार को  प्रदेश सरकार के मनरेगा योजना मंत्री जयकुमार रावल ने कहा कि मनरेगा योजना के साथ सरकार की दूसरी योजनाओं को मिलाकर ग्रामीण अंचल में रोजागार के अलावा बड़े पैमाने पर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी। इस फैसले को तत्काल लागू करने के लिए शासनादेश जारी कर दिया गया है। रावल ने कहा कि हर साल 15 अगस्त से 30 नवंबर के बीच ग्रामसभा के मंजूरी से मनरेगा के तहत मजदूर बजट व वार्षिक मास्टर प्लान तैयार किया जाता है। इसके आधार पर मनरेगा और कन्वर्जेंस के विभिन्न काम किए जाएंगे।

इसके अलावा कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) की मदद से भी काम किया जा सकता है। रावल ने बताया कि सामूहिक खेत तालाब, सामूहिक मछली तालाब, स्कूलों की सुरक्षा दीवार, ग्राम पंचायत भवन, कॉक्रिट नाला निर्माण, स्कूल भोजन घर, गैबियन बांध, सीमेंट नाला समेत विभिन्न कामों को कन्वर्जेंस प्रारूप के तहत किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि मशीनों का इस्तेमाल किए बिना ग्रामीण इलाकों के कुशल और अकुशल मजदूरों से ये काम करवाए जाएंगे। यह काम इस आर्थिक वर्ष 2018- 19 में करने को अनुमति दी गई है। इससे सार्वजनिक संपत्ति का निर्माण होगा। साथ ही उत्पादकता और काफी लोगों को रोजगार मिल सकेगा।

योजना को लागू करने के लिए राज्य स्तर पर मुख्य सचिव डी के जैन की अध्यक्षता में कन्वर्जेंस समिति होगी। जिसमें वित्त, नियोजन, कृषि, आदिवासी, जलसंसाधन, सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग, ग्राम विकास विभाग, वन विभाग, सामाजिक न्याय, महिला बाल विकास विभाग, वस्त्रोद्योग, जल संरक्षण, पशुसंवर्धन, दुग्ध व मत्स्यव्यवसाय, मनरेगा समेत 15 विभागों के सचिव समिति के सदस्य के रूप में काम करेंगे। इसके अलावा जिलाधिकारी के नेतृत्व में जिला स्तरीय और तहसीलदार की अध्यक्षता में तहसील स्तरीय कन्वर्जेंस समिति कार्यरत होगी।

समृद्ध महाराष्ट्र जनकल्याण योजना के जरिए 8 लाख काम 
राज्य में मनरेगा के तहत 11 सूत्री समृद्ध महाराष्ट्र जनकल्याण योजना शुरू की गई है। इसके जरिए पिछले 4 साल में ग्रामीण इलाकों में 8 लाख 13 हजार 123 काम किए जा चुके हैं। अहिल्यादेवी सिंचाई कुंआ योजना के तहत 1 लाख 30 हजार 898 कुंआ बनाए गए हैं। 97 हजार 201 खेत तालाब का निर्माण हुआ है। 23 हजार 897 खेत रस्ते काम हुआ है। 
 

Created On :   8 Nov 2018 2:01 PM GMT

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